scorecardresearch
 

तमिलनाडु चुनाव: द्रमुक-कांग्रेस गठजोड़ अधर में

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और कांग्रेस के बीच सीटों की बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाने के बाद दोनों दलों के बीच सात साल का गठजोड़ अधर में लटकता प्रतीत हो रहा है.

Advertisement
X

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और कांग्रेस के बीच सीटों की बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाने के बाद दोनों दलों के बीच सात साल का गठजोड़ अधर में लटकता प्रतीत हो रहा है. सभी की आंखे क्षेत्रीय दल द्रमुक पर टिक गयी है जिसने कहा है कि वह गठजोड़ के बारे में उचित और उपयुक्त निर्णय लेगा.

उधर, कांग्रेस ने कहा है कि द्रविड़ दल के साथ गठजोड़ की राह में आ रही दिक्कतें दूर कर ली जाएंगी. इस तरह की अपुष्ट खबरें हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर द्रमुक अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एम करूणानिधि से बातचीत की है.

नयी दिल्ली में कांग्रेस के एक नेता ने दावा किया कि हर चीज सुलझा ली गयी है.

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘अपने राजनीतिक संबंधों के सिलसिले में मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हमारे समक्ष कभी कभी कुछ समस्याएं आती हैं. हममें समस्याएं खड़ी करने और उसी के साथ उनका समधान करने की क्षमता है एवं इसका भी हल हो जाएगा.’
द्रमुक की उच्च स्तरीय नीति निर्धारक समिति की आज शाम बैठक होने वाली है. करूणानिधि ने पूछा है कि पहले 60 सीटों के लिए राजी हुई कांग्रेस के लिए क्या यह उचित है कि अब वह 63 सीट मांगे.{mospagebreak} करूणानिधि ने कल देर रात चेन्नई में जारी एक बयान में कहा कि कांग्रेस का रूख कि वह किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसका निर्धारण खुद करेगी - बिल्कुल ही अनपयुक्त है.

Advertisement

द्रमुक और कांग्रेस ने सीटों के बंटवारे पर तीन दौर की वार्ता की है लेकिन दोनों के बीच मतभेद के चलते कोई प्रगति नहीं हो पायी है.

द्रमुक प्रमुख ने कहा कि वर्ष 2004 में दोनों दलों के बीच गठजोड़ हुआ था और दोनों दलों के बीच तब से संबंध सामान्य था और केंद्र एवं राज्य सरकारें बिना किसी भ्रम के काम कर रही थीं.

उन्होंने कहा कि जब दोनों दलों के बीच वार्ता शुरू हुई तब कांग्रेस से कहा गया कि उसे 51 सीटें दी जाएंगी जो बाद में बढ़ाकर 53, 55 और फिर 58 हुई. उन्होंने कहा, ‘जब कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद दो दिन पहले मुझसे मिले तब यह सहमति बनी कि कांग्रेस को 60 सीटें दी जाएगी.’
करूणानिधि ने कहा कि लेकिन चुनाव करार पर हस्ताक्षर करने पर बृहस्पतिवार को सहमत होने के बाद आजाद उ नसे मिले बगैर नयी दिल्ली चले गए. राज्य में 13 अप्रैल को विधानसभा चुनाव है. उन्होंने ने कहा कि कांग्रेस की अपनी पसंद की सीटों की मांग ‘बहुत ही अनुचित और अनुपयुक्त’ है.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 के विधानसभा चुनाव में द्रमुक 132 सीटों पर लड़ा था और 48 सीटें कांग्रेस के लिए, 31 पक्कल मक्कल काचि और 23 वामदलों के लिए छोड़ी थी.{mospagebreak}

Advertisement

नयी दिल्ली में 31 जनवरी को सोनिया गांधी से भेंट के बाद करूणानिधि ने कांग्रेस के साथ गठजोड़ जारी रहने की बात कही थी.

करूणानिधि ने कहा कि वामदलों के गठजोड़ से निकलने के बाद बचने वाली अतिरिक्त सीटें नये दलों- विदुथलई चिरूथगल काचि और कोंगू मक्कल मुनेत्र कषगम को आवंटन के बाद शेष सीटें दोनों दल कांग्रेस एवं द्रमुक बांट लेंगे.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को 60 सीटें और अन्य दलों को सीटें आवंटित करने के बाद अब द्रमुक के पास महज 122 सीटें रह गयी हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियों में पार्टी की उच्च नीति निर्धारक समिति अपनी बैठक में गठजोड़ के बारे में उचित और उपयुक्त निर्णय लेगी.

Advertisement
Advertisement