सरकार ने बताया कि ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है जिससे चुनाव में धनबल के बढ़ते प्रभाव का सुबूत मिल सके लेकिन सरकार और चुनाव आयोग संसदीय एवं विधानसभा चुनाव में इसके प्रभाव से चिंतित हैं.
लोकसभा में मधु गौड़ यास्खी और एकनाथ गायकवाड के प्रश्न के लिखित उत्तर में विधि एवं न्याय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि संसदीय एवं विधानसभा चुनाव में धनबल के प्रभाव के प्रति सरकार और चुनाव आयोग चिंतित है हालांकि ऐसा कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है जिससे इसके प्रभाव का संकेत प्राप्त हो सके.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने चार अक्तूबर 2010 को इस विषय पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय एवं राज्यों के राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी.
मंत्री ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में अपनायी गई व्यवस्था पर जोर देते हुए चुनाव आयोग ने असम , केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होने वाले चुनाव में इसी व्यवस्था को दोहराने का निर्णय किया है और इस दौरान राज्य की जरूरतों को ध्यान में रखा जायेगा.