पूर्व संचार मंत्री ए. राजा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मामले में तिहाड़ जेल की हवा खा रहे हैं लेकिन पेरुंबलूर में उनके कराये गये विकास कार्य और परियोजनाएं सत्तारूढ़ द्रमुक के लिए प्रमुख चुनावी मुद्दे हैं. यहां द्रमुक उम्मीदवार का कड़ा मुकाबला अन्नाद्रमुक के प्रत्याशी के साथ होगा.
2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के तहत सामने आये 1.76 लाख करोड़ रुपये के सरकारी नुकसान के खुलासे का कम से कम आरक्षित विधानसभा क्षेत्र पेरुंबलूर में कोई असर नहीं दिखाई देता जहां से 1996 में राजा सांसद बने और इसके बाद से इस क्षेत्र की जनता से उनका नाता जुड़ गया.
पेरुंबलूर जिला तिरुचिरापल्ली से लगा हुआ है. पेरुंबलूर में कुछ शिक्षित और जानकार लोग जरूर 2जी मामले की बात करते हैं लेकिन राजा के पैतृक स्थल वेलूर जैसे ग्रामीण इलाकों में जनता का कहना है कि उन्हें इस घोटाले के बारे में और देश को इससे हुए नुकसान के बारे में कुछ नहीं पता. यहां के लोग राजा को एक अच्छे और विनम्र व्यक्ति के तौर पर याद करते हैं जिसने जिले में अनेक विकास कार्य किये और कई शैक्षणिक संस्थान शुरू किये, जो कि पहले यहां नहीं होते थे.
वर्ष 2009 के परिसीमन में पेरुंबलूर विधानसभा क्षेत्र को अनारक्षित किये जाने के बाद राजा नीलगिरी से चुनाव लड़ने चले गये. माना जाता है कि द्रमुक राजा को दरकिनार कर रहा है लेकिन फिर भी पार्टी ने उनके ही विश्वस्त एम. प्रभाकरण को उम्मीदवार बनाया है. वह राजा के कराये विकास कार्यों के नाम पर ही वोट मांग रहे हैं.