राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की पहली सूची सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले कई भाजपा नेताओं के सुर बदल गए हैं. भरतपुर के नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा नेता अनीता सिंह गुर्जर ने क्षेत्र से टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर आगामी चुनाव निर्दलीय लड़ने का फैसला किया है. राजे के करीबी माने जाने वाले भवानी सिंह राजावत ने भी घोषणा की है कि वह आगामी चुनाव निर्दलीय लड़ेंगे. उन्होंने यह भी दावा किया है कि वह किसी भी पार्टी में शामिल हो जाएंगे जो उन्हें मंच देने को तैयार है.
विद्रोही नेता अनीता सिंह गुर्जर ने कहा, मैंने अपना पूरा जीवन इस पार्टी को दे दिया है. मेरे साथ धोखा हुआ है. मेरे लोग चाहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूं. मैं चुनाव लड़ूंगी. पार्टी ने खुद को मुझसे दूर करने का फैसला किया है.
बागी नेता भवानी सिंह राजावत ने कहा, 'मैं आगामी चुनाव लड़ूंगा. मैं किसी भी पार्टी में शामिल होने को तैयार हूं जो मुझे मंच देना चाहती है.'
भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी, राजपाल सिंह शेखावत सहित पार्टी के कई अन्य नेताओं ने क्रमशः विद्याधर नगर और झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्रों से पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है. पार्टी ने उनकी जगह दीया कुमारी और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को इन क्षेत्रों से टिकट दिया है.
बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इंडिया टुडे से कहा, 21 साल की उम्र में मैंने शपथ ली, अपने देश को पहले, अपने लोगों को दूसरे और मुझे आखिरी में रखने की शाब्दिक शपथ. मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बहुत कुछ सीखा है. मैं अपनी पार्टी को अपनी मां मानता हूं. मेरी दूसरी मां. मैंने भगवान महादेव का आशीर्वाद लिया है. सब कुछ ठीक हो जाएगा. ये हमारा पारिवारिक मामला है.
बीजेपी की पहली लिस्ट आने के बाद राजे खेमा सियासी तौर पर अपनी ताकत झोंकता नजर आ रहा है. शनिवार को सैकड़ों राजे समर्थक अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए उनके आधिकारिक आवास 13, सिविल लाइंस पर एकत्र हुए. इस कदम को राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की दूसरी सूची आने से पहले पार्टी आलाकमान को एक संदेश देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
बीजेपी द्वारा घोषित 41 उम्मीदवारों की सूची में 7 सांसद हैं. इनमें से कम से कम छह उम्मीदवार मुश्किल स्थिति में दिख रहे हैं, क्योंकि पार्टी के भीतर ही कई हलकों से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. पहली सूची की घोषणा के बाद भाजपा को परेशान करने वाले आंतरिक असंतोष के पीछे कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं. हालांकि, शायद उनमें से सबसे प्रमुख राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के वफादारों को दरकिनार करना प्रतीत होता है.
विद्याधर नगर से भाजपा उम्मीदवार दीया कुमारी ने कहा, 'मैं अपने नेतृत्व के आदेशों का पालन कर रही हूं. मैं राजवी को टिकट नहीं दिए जाने पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगी. भैरों सिंह शेखावत मेरे लिए पिता तुल्य थे.'
सांचौर से भाजपा प्रत्याशी सांसद देवजी पटेल को भी बुधवार को कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. कई लोगों द्वारा उनकी उम्मीदवारी का विरोध करने पर उनके वाहन का शीशा तोड़ दिया गया. बीजेपी ने किशनगढ़ सीट से सांसद भागीरथ चौधरी को मैदान में उतारने का फैसला किया है, जिससे बीजेपी नेता विकास चौधरी के समर्थक नाराज हैं. यदि विकास के समर्थक विपरीत उद्देश्यों के लिए काम करते हैं तो भागीरथ को कड़ी टक्कर मिल सकती है.