राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की 41 उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद बगावत भी शुरू हो गई है. सूत्रों का कहना है कि बगावत की बड़ी वजह वसुंधरा राजे का खेमा है. माना जा रहा है कि पार्टी ने टिकट बंटवारे में वसुंधरा राजे के खेमे के नेताओं को साइडलाइन कर दिया और सर्वे के आधार पर टिकट बांटे.
पहली लिस्ट में सात सांसदों को भी टिकट दिया गया है. इन सांसदों का विरोध शुरू हो गया है. कई जगहों पर कार्यकर्ता इन सांसदों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं तो कहीं पर काले झंडे दिखाए जा रहे हैं.
बीजेपी ने जिन सात सांसदों को टिकट दिया है, उनमें- दिया कुमारी, राज्यवर्धन राठौर, बालकनाथ, देवजी पटेल, भागीरथ चौधरी और नरेंद्र कुमार हैं. इनमें से ज्यादातर को विधानसभा चुनाव लड़ने का कोई अनुभव नहीं है.
बीजेपी की पहली लिस्ट में नौ ऐसे नेता हैं, जिन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव पार्टी से बगावत कर उसके खिलाफ ही लड़ा था. पहली लिस्ट आने के बाद सीटें ऐसी हैं जहां बीजेपी को बगावत का सामना करना पड़ रहा है.
1. झोटवाड़ा सीटः राज्यवर्धन सिंह राठौड़
बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को टिकट मिलने के बाद पार्टी में ही उनका विरोध शुरू हो गया है. राजपाल सिंह शेखावत टिकट नहीं मिलने पर कार्यकर्ता नाराज हैं. रविवार को जब राज्यवर्धन प्रचार के लिए निकले तब उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. चुनाव प्रचार शुरू करने से पहले राज्यवर्धन जब जोबनेर स्थित ज्वाला माता मंदिर में दर्शन करने पहुंचे तो वहां शेखावत के समर्थकों ने उन्हें काले झंडे दिखाए. गुस्साए समर्थकों ने राठौड़ की गाड़ी को भी रोक दिया.
2. सांचोर सीटः देवजी पटेल
देवजी पटेल जालौर सीट से तीन बार के सांसद हैं. पिछले हफ्ते पटेल जब सांचोर पहुंचे तो वहां लोगों ने विरोध करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया. बताया जा रहा है कि समर्थक दानाराम चौधरी को टिकट देने की मांग पर अड़े थे. इन समर्थकों ने पटेल को न सिर्फ काले झंडे दिखाए, बल्कि उनकी कार पर हमला भी कर दिया, जिससे उनकी कार के शीशे टूट गए.
3. नागर सीटः जवाहर सिंह
भरतपुर जिले में पड़ने वाली नागर सीट से दो बार की विधायक अनीता सिंह को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया. उनकी जगह जवाहर सिंह को उतारा गया है, जिससे उनमें नाराजगी है. रविवार को उन्होंने इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. जवाहर सिंह पिछले चुनाव 40 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हार गए थे.
4. किशनगढ़ः भागीरथ चौधरी
बीजेपी ने किशनगढ़ से विकास चौधरी का टिकट काटकर अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी को यहां से उम्मीदवार बना दिया है. लिस्ट आने के बाद विकास चौधरी के घर के बाहर समर्थकों की भीड़ जुट गई थी. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विकास चौधरी रो पड़े थे. उन्होंने बीजेपी पर उनकी राजनीतिक हत्या करने का आरोप लगाया था. चौधरी ने आरोप लगाया कि पैसे के दम पर टिकट खरीदा गया है.
5. तिजाराः बालकनाथ
अलवर जिले की तीन विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम सामने आने के बाद तिजारा से बीजेपी के पूर्व विधायक ममन सिंह ने मोर्चा खोल दिया. तिजारा से बीजेपी ने अलवर के सांसद बाबा बालकनाथ को उतारा है, जबकि ममन सिंह को टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी. ममन सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है.
6. देवली-उनियाराः विजय बैंसला
देवली-उनियारा सीट से बीजेपी ने विजय बैंसला को टिकट दिया है. यहां उनका विरोध शुरू हो गया है. लोगों का कहना है कि बाहरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे में बीजेपी जरूर हारेगी. यहां सालों से काम कर रहे कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं मिला है. बीजेपी नेता राजेंद्र गुर्जर यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं.
7. कोटपुतलीः हंसराज पटेल
2018 में बीजेपी ने कोटपुतली से मुकेश गोयल को उम्मीदवार बनाया था. माना जा रहा था कि इस बार भी उन्हें ही उम्मीदवार बनाया जाएगा. लेकिन पार्टी ने उनकी जगह हंसराज पटेल को उतार दिया है. लिस्ट आने के बाद मुकेश गोयल ने अपने समर्थकों से कहा, मैंने पार्टी को अपनी मां की तरह माना लेकिन सही उम्मीदवार के चयन के कारण मैं अंदर से टूट गया हूं. माना जा रहा है कि मुकेश गोयल भी निर्दलीय ही उतर सकते हैं.
8. झुंझुनूः बबलू चौधरी
झुंझुनू सीट से पूर्व उम्मीदवार और बीजेपी के जिला अध्यक्ष राजेंद्र भाम्बू को टिकट नहीं दिए जाने से उनके समर्थक नाराज हैं. उनकी जगह बबलू चौधरी को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. पिछले हफ्ते एक जनसभा में राजेंद्र भाम्बू ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.
9. लक्ष्मणगढ़ः सुभाष मेहरिया
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी किसान मोर्चा के अध्यक्ष हरिराम रांवा यहां से टिकट मांग रहे थे. लेकिन उनकी जगह हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए सुभाष मेहरिया को टिकट दे दिया गया.
10. डुंगरपुरः बंसीलाल कटारा
डुंगरपुर जिले की डुंगरपुर सीट से बीजेपी ने बंसीलाल कटारा को टिकट दिया है. उनका विरोध शुरू हो गया है. पूर्व जिला अध्यक्ष माधवलाल वरहट का कहना है कि कटारा को पार्टी में पहले कोई पद नहीं किया और अब उन्हें सीधे टिकट मिल गया. जबकि, जो नेता सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें साइडलाइन कर दिया गया. माधवलाल के भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना है.
11. विद्याधर नगरः दिया कुमारी
विद्याधर के मौजूदा विधायक नरपत सिंह राजवी ने टिकट बंटवारे पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इस बार पार्टी ने उनकी जगह राजसमंद सांसद दिया कुमारी को टिकट दिया है. पांच बार के विधायक राजवी पूर्व उपराष्ट्रपति दिवंगत भैरों सिंह शेखावत के दामाद हैं.
12. बागीडोराः कृष्णा कटारा
बागीडोरा सीट से बीजेपी ने कृष्णा कटारा को टिकट दिया है. बागीडोरा से दो बार उम्मीदवार रहे खेमराज गरासिया ने ऐलान किया है कि टिकट नहीं मिलने पर वो भारतीय आदिवासी पार्टी या निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.
बीजेपी का क्या है कहना?
बगावत पर बीजेपी के सीनियर नेता और विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि जिन्हें टिकट नहीं मिलता है, उन्हें बुरा लगता है और ये स्वाभाविक है.
उन्होंने कहा कि पार्टी बागियों को मनाने और पार्टी, राज्य और राष्ट्र के हित में काम करने में जुटी है.
बीजेपी से जुड़े कुछ सूत्रों ने बताया कि कुछ नेताओं के असंतोष को देखते हुए पार्टी ने केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में 11 सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया है.