पंजाब की राजनीति में कांग्रेस फिर सत्ता में वापसी की पूरी कोशिश कर रही है. पार्टी में कई अंदरूनी चुनौतियां हैं, लेकिन फिर भी दोबारा सत्ता में आने के समीकरण तय किए जा रहे हैं. अभी इस समय कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री का कोई चेहरा सामने नहीं रखा गया है. ऐसे में पार्टी के अंदर रस्साकशी का दौर जारी है और हर कोई खुद को सीएम फेस मान रहा है.
सिद्धू का कांग्रेस हाईकमान को संदेश
अब पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इस कड़ी में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री का चेहरा कांग्रेस हाईकमान तय नहीं करने वाला है. वे कहते हैं कि ये बात सभी को पता होनी चाहिए कि पंजाब का मुख्यमंत्री कोई कांग्रेस हाईकमान नहीं चुनने वाला है, ये फैसला सिर्फ और सिर्फ वहां की जनता लेने वाली है. वे आगे कहते हैं कि पंजाब किसी एक आदमी की प्रॉपर्टी नहीं है. मैं खुद पंजाब से लड़ने वाला हूं. विधायक से लेकर सीएम तक, हर फैसला जनता लेने वाली है.
सिद्धू का पंजाब मॉडल
वैसे सिद्धू का ये बयान इसलिए मायने रखता है क्योंकि कई मौकों पर उनकी सीएम चरणजीत सिंह चन्नी संग अनबन की खबरें सामने आई हैं. हाईकमान तो स्पष्ट कर चुका है कि बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनावी मैदान में उतरा जाएगा, लेकिन सिद्धू लगातार दवाब बना रहे हैं. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भी सिद्धू की तरफ से पंजाब के लिए एक नए मॉडल का ऐलान किया गया. उनकी माने तो अगर राज्य में माफिया राज पर रोक लगा दी जाए तो सीधे-सीधे 50 हजार करोड़ का फायदा हो सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर उनके मॉडल पर अमल किया गया तो राज्य में सिर्फ खन्न और रेत की बिक्री के लिए एक नया कॉरपोरेशन बनाया जाएगा.
उन्होंने दावा कर दिया कि आज पंजाब में एक माफिया मॉडल चलाया जा रहा है. वे कहते हैं कि ये वो लोग चला रहे हैं जो ऐसी विचारधारा का समर्थन करते हैं. पिछले 25 सालों में पंजाब को खूब बर्बाद किया गया है. पहले बादल और फिर कैप्टन के कार्यकाल में सिर्फ लूटा गया है. सिद्धू ने अपने मॉडल में liquor corporations बनाने पर भी जोर दिया. उनके मुताबिक जिन राज्यों ने इस दिशा में कदम बढ़ाए, उनका राजस्व पंजाब की तुलना में ज्यादा रहा.
विपक्ष ने कसा तंज
लेकिन विपक्ष को ना सिद्धू का ये मॉडल समझ आ रहा है और ना ही कांग्रेस पार्टी की चुनाव के लिए रणनीति. अब इस परिस्थिति पर अकाली दल के ब्रिकम जीत सिंह मजीठिया ने तंज कसा है.
उन्होंने कहा कि अगर चन्नी की सरकार इतना अच्छा काम कर रही थी, तो राहुल गांधी उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा क्यों नहीं बनाते हैं. कांग्रेस को उनमें कोई विश्वास नहीं है. अकाली नेता ने यहां तक दावा कर दिया कि कांग्रेस कभी भी सिद्धू को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाएगी. उन्हें तो पार्टी छोड़कर ठोको ताली पार्टी शुरू करनी पड़ जाएगी.
पंजाब कांग्रेस की बात करें तो अभी तीन पॉवर सेंटर देखने को मिल रहे हैं. सिद्धू हैं, चन्नी हैं और बीच-बीच में सुनील झाकड़ भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं.