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Punjab: चन्नी बने सीएम कैंडिडेट, सुनील जाखड़ ने किया सक्रिय राजनीति छोड़ने का ऐलान

पंजाब चुनाव 2022 से पहले सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने बड़ा ऐलान किया है. जाखड़ ने अब खुद को सक्रिय चुनावी राजनीति से दूर कर लिया है. वह बोले कि कांग्रेस पार्टी एकजुट है.

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कांग्रेस के सीनियर नेता सुनील जाखड़ (फाइल फोटो)
कांग्रेस के सीनियर नेता सुनील जाखड़ (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए चन्नी को सीएम फेस बनाया
  • पंजाब में 20 फरवरी को मतदान, 10 मार्च को नतीजे

Punjab Election 2022: पंजाब में कांग्रेस के अंदर चल रही खींचतान अभी पूरी तरह से शांत नहीं दिख रही है. सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की दूरियां तो खत्म होती दिखी, लेकिन अब सीनियर नेता सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने पार्टी को झटका दिया है. सुनील जाखड़ ने चुनाव ना लड़ने की बात कहते हुए सक्रिय चुनावी राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया है.

सीनियर कांग्रेस नेता और पंजाब कांग्रेस की कैंपेन कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ ने साफ कर दिया है कि वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगे. हालांकि, जाखड़ ने चन्नी को सीएम उम्मीदवार बनाए जाने का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, 'चन्नी को सीएम उम्मीदवार बनाए जाने का फैसला अच्छा निर्णय है. कांग्रेस पार्टी एकजुट है. मैं सक्रिय चुनावी राजनीति से अब बाहर हूं.'

जाखड़ ने बयान पर मचा था बवाल

दरअसल, सुनील जाखड़ ने हाल में दिए एक बयान पर बवाल मचा था. इसमें उन्होंने कहा था कि अमरिंदर सिंह के हटने के बाद समर्थन मिलने के बावजूद उनकी जगह चन्नी को सीएम बनाया गया था. तब सुनील जाखड़ अबोहर विधानसभा क्षेत्र में अपने रिश्तेदार के लिए प्रचार करने पहुंचे थे. यहां उन्होंने कहा था कि कांग्रेस आलाकमान ने 79 विधायकों से सीएम पद के लिए वोट देने को कहा था. इसमें से 42 विधायक मेरे पक्ष में थे. जबकि सुखजिंदर रंधावा को 16, प्रणीत कौर को 12 विधायकों ने वोट दिया था. वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू को 6 और चरणजीत चन्नी को दो वोट मिले थे.

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सिद्धू ने किया राहुल के फैसले का समर्थन

वहीं दूसरी तरफ सिद्धू और चन्नी के बीच की दूरियां घटती दिख रही हैं. चन्नी के नाम का ऐलान होने के बाद सिद्धू ने उन्हें गले लगाया और सपोर्ट में हाथ भी उठाया था. चन्नी को सीएम उम्मीदवार बनाने के फैसले पर सिद्धू ने कहा कि राहुल गांधी के फैसले से वह पहले ही सहमत हैं, उन्होंने कहा कि भले ही आप मुझे निर्णय लेने की पावर न दें, फिर भी मैं अगले मुख्यमंत्री का समर्थन करूंगा.

 

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