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Punjab Election: सीएम चन्नी को कांग्रेस ने दो विधानसभा सीट से मैदान में क्यों उतारा? जानें

पंजाब चुनाव में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को दो विधानसभा सीटों से चुनावी मैदान में उतारा है. चरणजीत चन्नी पहले चमकौर साहिब से चुनावी मैदान में थे. इसके बाद उन्हें भदौर सीट से भी मैदान में उतारा गया है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस मालवा से चन्नी को मैदान में उतारकर दलित वोट जोड़ना चाहती है.

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चरणजीत सिंह चन्नी. -फाइल फोटो
चरणजीत सिंह चन्नी. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दलितों वोटरों के मनोवैज्ञानिक बदलाव की उम्मीद
  • चन्नी भदौर और चमकौर साहिब से चुनाव लड़ेंगे

कांग्रेस ने रविवार को भदौर विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को मैदान में उतार दिया. अब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब समेत दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस की इस कोशिश को आम आदमी पार्टी के गढ़ों को चुनौती देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. 

2017 में आम आदमी पार्टी भदौर सीट 45.15 फीसदी वोटों से जीती थी. अकाली दल 28.71 प्रतिशत मतों के साथ दूसरे और कांग्रेस को मात्र 21.05 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे. AAP ने बगल के महल कलां आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र में भी जीत हासिल की थी. आप, शिअद और कांग्रेस का वोट प्रतिशत क्रमश: 46.12 प्रतिशत, 24.43 प्रतिशत और 20.59 प्रतिशत रहा था.

मालवा क्षेत्र में दलित वोटों को साधने की कोशिश कर रही कांग्रेस

सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव में मालवा बेल्ट में कुल 69 सीटों में से 40 सीटों पर जीत हासिल की थी, उसके बाद AAP ने अकेले इस क्षेत्र से 18 सीटें हासिल की थीं. मालवा क्षेत्र के 69 में से 18 सीट आरक्षित हैं. 2017 में कांग्रेस और आप दोनों को 9-9 सीटें मिली थीं.

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मालवा क्षेत्र की 2 सीटों से चरणजीत सिंह चन्नी को मैदान में उतारने का एक और कारण यह है कि प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया है जो धुरी क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. दरअसल, चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद कांग्रेस दलित वोटों की उम्मीद कर रही है.

पंजाब में कितने दलित वोटर्स

2011 की जनगणना के अनुसार, पंजाब में 2.77 करोड़ दलित आबादी है जो मतदाताओं का 31.9 प्रतिशत है. इसमें से 19.4 प्रतिशत सिख दलित, 12.4 प्रतिशत हिंदू दलित और 0.98 प्रतिशत बौद्ध दलित हैं. चरणजीत सिंह चन्नी दूसरे सबसे बड़े दलित समूह (रविदासिया) से संबंध रखते हैं जो कुल दलित आबादी का 20.7% है. मझबी सिख 26.33% आबादी के साथ सबसे बड़ा दलित समुदाय है. अधर्मी और बाल्मीकि समुदाय राज्य में कुल दलित आबादी का 10 और 8.6 प्रतिशत है.

2017 में कांग्रेस को 2012 की तुलना में कम दलित वोट मिले थे

2017 में कांग्रेस को 41 फीसदी दलित वोट मिले थे जो 2012 की तुलना में 10 प्रतिशत कम थे. पार्टी को 2012 के विधानसभा चुनाव में 51 फीसदी दलित वोट मिले थे. इसके अलावा 2017 में कांग्रेस को 43 फीसदी हिंदू दलित वोट भी मिले थे.

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चन्नी से पहले कैप्टन दो सीटों से लड़ चुके हैं चुनाव

अगर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दो सीटों से चुनाव लड़ते हैं तो ये पंजाब में दूसरी बार होगा. इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस ने दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़वाया था. कैप्टन ने पटियाला अर्बन और लांबी से चुनाव लड़ा था. 

मालवा क्षेत्र में दलित सीटें

  • फिरोजपुर: फिरोजपुर ग्रामीण (कांग्रेस)
  • फरीदकोट: कोई नहीं
  • फाजिल्का: बलुआना (कांग्रेस)
  • श्री मुक्तसर साहिब: मलौत (कांग्रेस)
  • मोगाः निहाल सिंह वाला (आप)
  • बठिंडा: बुचो मंडी (कांग्रेस),
  • बठिंडा ग्रामीण (आप)
  • बरनाला : भदौर, महल कलां (आप)
  • मनसा: बुडलाडा (आप)
  • संगरूर :दिरबा (आप)
  • पटियाला: नाभा (आप), शूतराना (कांग्रेस)
  • श्री फतेहगढ़ साहिब: बस्सी पठाना (कांग्रेस)
  • रूपनगर: चमकौर साहिब
  • एसएएस नगर: कोई नहीं
  • मलेरकोटला: कोई नहीं
  • लुधियाना: गिल (कांग्रेस), पायल (कांग्रेस), रायकोट (आप), जगराओं (आप)

 

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