मध्य प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की तुलना अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र से की है, जिन्होंने फिल्म 'शोले' में 'जय' और 'वीरू' की भूमिकाएँ निभाई थीं. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला की तुलना शोले के एक्टर से करने के बाद प्रतिद्वंद्वी भाजपा ने दोनों को "जेल से भागे हुए" और धोखेबाज कहा. हालांकि, सुरजेवाला ने कहा कि जब किसी पत्रकार ने नाथ और सिंह के संबंधों के बारे में पूछा तो उन्होंने शोले की उपमा दी. सुरजेवाला के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, राज्य भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि नाथ और सिंह "जय और वीरू के धोखेबाज पात्रों के समान हैं, जो जेल से भाग गए थे.'
चतुर्वेदी ने कहा, ये वो फ़िल्मी पात्र थे जो जेल से भाग गए थे. मध्य प्रदेश में मिस्टर बंटाधार (बीजेपी सिंह को इसी नाम से बुलाती है) और करप्शननाथ (बीजेपी जिसे नाथ कहती है) का भी यही हाल है. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लूटा है. जब भी मौका मिला उन्होंने आम जनता को लूटा.
उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन (शोले में) के बीच का रिश्ता सिंह और नाथ के बीच जैसा ही है. सुरजेवाला ने भोपाल में एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, न तो 'गब्बर सिंह' (फिल्म का मुख्य खलनायक) उन्हें (फिल्म में) लड़ाई करा सका और न ही भाजपा का गब्बर सिंह इसे यहां करा पाएगा.
सुरजेवाला से कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के बदलाव और राज्य में टिकट वितरण को लेकर सिंह और नाथ के बीच स्पष्ट मतभेदों के बारे में पूछा गया था. यह आरोप लगा था कि टिकट वितरण को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा के भीतर भारी टकराव चल रहा है, कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने यह निर्णय ले लिया है कि टिकट में कहां बदलाव की जरूरत है और यह मामला अब खत्म हो गया है.
सुरजेवाला ने कहा, 'वे अपनी चिड़चिड़ाहट दिखाने के लिए हर दिन ऐसी बातें कहते हैं. बीजेपी को हमारी पार्टी से क्या दिक्कत है? दिग्विजय सिंह, कमल नाथ और हमारे सभी नेताओं के बीच प्रेम और समन्वय है.' यह मध्य प्रदेश के विकास और प्रगति के लिए है.
बॉलीवुड सितारे अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र ने 1975 की ब्लॉकबस्टर फिल्म शोले में क्रमशः दो दोस्तों जय और वीरू की भूमिका निभाई. फिल्म में, दो दोस्त जेल से भाग जाते हैं और बाद में एक रिटायर पुलिस अधिकारी उन्हें एक खूंखार डकैत गब्बर सिंह से मुकाबला करने के लिए काम पर रखता है.
इस महीने की शुरुआत में कमलनाथ का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने कथित तौर पर अपनी पार्टी के लोगों से शिवपुरी से एक नेता को टिकट देने से इनकार करने पर सिंह के कपड़े "फाड़ने" के लिए कहा था. इससे उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी में मतभेद की चर्चाएं तेज हो गई थीं.
हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्रियों ने इस प्रकरण को प्रकाश में लाने और एकजुट चेहरा दिखाने की कोशिश की. भाजपा ने शुक्रवार को फिर आरोप लगाया कि सिंह ने टिकट वितरण पर "विवाद" के बाद खुद को चुनाव प्रचार से दूर कर लिया है. जैसे ही भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए वीडियो का सहारा लिया, नाथ ने स्पष्ट किया कि सिंह और उनके बीच संबंध केवल राजनीतिक नहीं थे. मध्य प्रदेश की 230 सीटों के लिए 17 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.