चुनावी मौसम में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट के बाद से राजनीतिक आरोपों की बौछार शुरू हो गई है. चुनावों की घोषणा से दो दिन पहले ही पूरे देश में ईंधन की कीमतों में गिरावट देखने को मिली. इसके बाद से एक-दूसरे पर आरोप लगाने का काम शुरू हो गया है. जिन चीजों की कीमतें पांच वर्षों तक मुद्दा बनी रहती हैं, उनके भी दाम घटने लगते हैं. देखें ये वीडियो.