राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली. एक हजार 483 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला यह शहर जनसंख्या के लिहाज से देश का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है. यूपी, बिहार और हरियाणा समेत दूसरे राज्यों के लोगों की भी अच्छी खासी आबादी इस केंद्र शासित प्रदेश में रहती है. केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है. दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं- चांदनी चौक, उत्तर पूर्व दिल्ली, दिल्ली पूर्व, नई दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली.
दिल्ली में क्या है गठबंधनों का गणित
दिल्ली में इस बार दो गठबंधनों के बीच आमने-सामने का मुकाबला है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी के सामने इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की चुनौती है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इस बार दिल्ली में साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो वहीं तीन सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारे हैं.
किस सीट पर कौन उम्मीदवार
चांदनी चौक लोकसभा सीट से बीजेपी ने प्रवीण खंडेलवाल और विपक्षी इंडिया ब्लॉक की ओर से कांग्रेस के जयप्रकाश अग्रवाल चुनाव मैदान में हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से सांसद बीजेपी के मनोज तिवारी के सामने कांग्रेस के कन्हैया कुमार की चुनौती है. पूर्वी दिल्ली सीट पर बीजेपी उम्मीदवार हर्ष मल्होत्रा के सामने आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार की चुनौती है.
नई दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को टिकट दिया है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने सोमनाथ भारती को उम्मीदवार बनाया है. पश्चिमी दिल्ली सीट से पूर्व सांसद महाबल मिश्रा आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं तो वहीं बीजेपी ने कमलजीत सेहरावत को उम्मीदवार बनाया है. दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी के रामवीर सिंह बिधूड़ी के सामने आम आदमी पार्टी के सही राम पहलवान की चुनौती है.
चुनाव में क्या रहे मुख्य मुद्दे
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भ्रष्टाचार से लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी तक, स्थानीय मुद्दे छाए रहे. बीजेपी भ्रष्टाचार और शराब घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर हमलावर रही तो वहीं आम आदमी पार्टी ने सीएम की गिरफ्तारी को मुद्दा बनाते हुए केजरीवाल की गिरफ्तारी का जवाब वोट से अभियान चलाया. पानी, सीवर, कनेक्टिविटी और व्यापारियों की समस्याएं भी चुनाव में मुद्दा बनीं.
2019 में कैसे रहे थे चुनाव नतीजे
पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, दोनों ही दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. तब बीजेपी ने 56.9 फीसदी वोट शेयर के साथ दिल्ली की सभी सात सीटें जीत ली थीं. तब कांग्रेस 22.5 फीसदी वोट शेयर के साथ दूसरे और आम आदमी पार्टी 18.1 फीसदी वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रही थी.