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मुंबई में सुस्त मतदान, लेकिन बारामूला में कैसे टूटा रिकॉर्ड, समझें पांचवें चरण की वोटिंग का गणित

पांचवें चरण के लिए मुंबई में वोट देने पहुंचे सलमान खान और कश्मीर के बांदीपोरा में वोट देने के लिए लगी हुई महिलाओं की लंबी लाइन और फिर वही दस्तक कि हीरो जहां से खड़े हो जाते हैं वहां से फैन की लाइन लग जाती है बात सही है. लेकिन आज जरूरी है कि फैन बना जाए लंबी लाइन में लगे उन मतदाताओं का जो कश्मीर के बांदीपोरा में वोट देने गए थे.

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लोकसभा चुनाव के पांचवें फेज में बारामूला में हुई रिकॉर्डतोड़ वोटिंग
लोकसभा चुनाव के पांचवें फेज में बारामूला में हुई रिकॉर्डतोड़ वोटिंग

लोकसभा चुनाव की जारी गहमा-गहमी के बीच सोमवार का दिन पांचवें चरण के वोट डाले गए. ये  चरण काफी अहम इसलिए रहा क्योंकि इसमें कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है और जब सोमवार को वोटिंग हो गई तो इनके भाग्य का लेखा ईवीएम में कैद हो चुका है, जिसका पिटारा अब 4 जून को ही खुलेगा. 14 दिन के इस इंतजार से पहले जब पांचवें फेज के वोटिंग टर्नआउट पर नजर जाती है तो ये काफी चौंकाता है. 

बारामूला ने वोटिंग में मुंबई को पछाड़ा
वजह... वजह है कि एक तरफ तो मायानगरी मुंबई, जहां वोट डालने पहुंचे किंग खान शाहरुख, मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान, विश्व सुंदरी रह चुकीं ऐश्वर्या, इसके अलावा करीना, सैफ, हीमैन धर्मेंद्र और भी बहुत से सिल्वर स्क्रीन के सितारे... लेकिन जानते हैं मुंबई का टोटल वोटिंग टर्नआउट कितना है? महज 34 फीसदी. इतना कम मतदान. पश्चिम बंगाल 73 फीसदी वोटिंग के साथ सबसे आगे है, लेकिन मुंबई की जनता को पीछे छोड़ दिया बारामूला (कश्मीर) की वोटिंग ने. यहां लोग पोलिंग बूथ पर उस जज्बे के साथ उमड़े थे, जो सही मायने में लोकतंत्र के महोत्सव का अहसास कराता है. 

लोकसभा चुनाव

आर्टिकल 370 में बदलाव के बाद पहली बार कश्मीर में वोटिंग
धारा 370 से कश्मीर को आजादी मिलने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में चुनाव हुए. सोमवार को कश्मीर की बारामूला सीट पर वोटिंग हुई. खास बात ये कि यहां के वोटर्स ने दोपहर में ही साल 2019 में हुए मतदान का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. दोपहर एक बजे तक ही बारामूला में 34.69 फीसदी वोटिंग हो चुकी थी, साल जबकि 2019 में यहां 34.60 फीसदी वोटिंग हुई थी. जम्मू-कश्मीर का शाम को सामने आया टोटल वोटिंग टर्न आउट 55 फीसदी से अधिक दर्ज किया गया है और इस तरह घाटी में 40 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है. 

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लगातार कई सालों तक आतंक, दहशत और दर्द की इंतहा सहते, दुख की काली रात में गुजारा करने वाले कश्मीरियों ने सोमवार को वोटिंग के लिए उत्साह दिखाकर ये साबित कर दिया कि अब वह डर की कैद से आजाद हैं और लोकतंत्र की खुशनुमा सुबह देखने बाहर निकले हैं.

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श्रीनगर में हुई वोटिंग पर पीएम मोदी ने जताई थी खुशी 
सुबह से ही बूथ पर लगने वाली लंबी लाइनें लोकतंत्र के इस महोत्सव में कश्मीर की खुशी बयां कर रही थी. बीते दिनों आजतक को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने जब श्रीनगर में वोटिंग का जिक्र किया था तो उन्होंने कहा कि 'श्रीनगर में वोटिंग इन चुनावों में मेरे लिए सबसे संतोष का पल' था. बता दें कि श्रीनगर में चौथे चरण में वोटिंग हुई थी.

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सलमान, शाहरुख और आमिर ने डाले वोट, लेकिन हीरो बने कश्मीर के लोग
पांचवें चरण के लिए मुंबई में वोट देने पहुंचे सलमान खान और कश्मीर के बांदीपोरा में वोट देने के लिए लगी हुई महिलाओं की लंबी लाइन और फिर वही दस्तक कि हीरो जहां से खड़े हो जाते हैं वहां से फैन की लाइन लग जाती है बात सही है. लेकिन आज जरूरी है कि फैन बना जाए लंबी लाइन में लगे उन मतदाताओं का जो कश्मीर के बांदीपोरा में वोट देने गए थे. मुंबई में आमिर खान सपरिवार वोट डालने पहुंचे. दीपिका और रणवीर ने वोट डाल दिया. ऋतिक रोशन वोट डालने पहुंचे, लेकिन इन सबसे बड़े सितारे बडगाम के सोईबुग में मतदान करने वाले लोग हैं. 

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आतंक की गोली को लोकतंत्र की बोली से जवाब दिया
हंदवाड़ा, उरी, बांदीपोरा, कुपवाड़ा, बडगाम, सोपोर जिन इलाकों का नाम आपने आतंकी घटनाओं के लिए न जाने कितने दशकों से सुना वहां आतंक की गोली को लोकतंत्र की बोली से जवाब दिया गया है. 370 से मिली आजादी के बाद कश्मीर की बारामूला लोकसभा में इस बार लोगों ने वोट देने में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के लोगों को भी पीछे छोड़ दिया है. मुंबई की छह लोकसभा सीटों से ज्यादा वोटिंग कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट पर सोमवार को हुई है. 

कहां कितनी वोटिंग

 

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वोटर भी वोट डालकर खुश, जानिए क्या बोले?
बडगाम के वोटर भी वोट डालकर खुश हैं. एक वोटर ने आजतक से कहा कि, पहली बार वोट डालने निकले हैं, अपना कैंडिडेट चुन पाएंगे. दो बार पहले बायकॉट किया था. इस बार हम चाहते हैं कि कश्मीर में कुछ नया हो जाए. वहीं, बांदीपोरा के वोटर ने कहा 'दिल से वोट देने आए हैं, 90 फीसदी बदलाव आ जाएगा.  बडगाम में सोईबुग के वोटर ने कहा कि, 'हम इसलिए आए हैं क्योंकि हमारे जो मसले हैं, हमने अब तक बहुत कोशिश की थी, ये मसल हल होने चाहिए थे, नहीं हुए तो हमें मुनासिब समझा कि वोट डालना चाहिए. जितना भी यूथ में टैलेंट है, वह बाहर आना चाहिए.'

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2019 का चुनाव जीतकर पहले सौ दिन के भीतर ही मोदी सरकार ने 370 की वर्षों पुरानी जंजीर से कश्मीर को आजादी दिलाई थी. उसके बाद पहली बार वोटिंग हो रही है. और तब बारामूला लोकसभा शाम पांच बजे तक 54.21 फीसदी वोट हुआ. 35 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. 

कश्मीर में कब कितनी हुई वोटिंग?

 

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इन सबके मुकाबले बारामूला के 54 फीसदी से ज्यादा लोगों ने शाम पांच तक वोट करके रिकॉर्ड तोड़ दिया. सोमवार को बारामूला में पांचवें चरण की वोटिंग में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग हुई तो राजनीतिक पंडितों के लिए भी यह विश्लेषण की वजह बन गई कि आखिर क्या वजह रही कि लोग वोटिंग के लिए उत्साही नजर आए.

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विश्लेषकों की मानें तो बारामूला में बढ़े वोटिंग प्रतिशत के पीछे कुछ खास फैक्टर हैं, जो नजर आ रहे हैं. 

1. बेहतर सुरक्षा माहौलः कश्मीर में तीन दशकों में पहली बार ऐसा हुआ कि वोटिंग के दौरान न तो कोई आतंकी हिंसा की घटना हुई और न ही वोटिंग को लेकर दहशतगर्दों की ओर से कोई बॉयकॉट घोषित नहीं किया गया. ये दोनों हर बार एक बड़ी वजह होती थी कि आम आदमी घर से निकलने और वोट करने से डरता था. 

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2. आर्टिकल 370 में बदलाव का परिणामः अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, पिछले 5 वर्षों में राजनीतिक गतिविधियां देखी गईं. इसके पहले चुनावी राजनीति में अचानक रुकावट आ गई थी, लोग और खास तौर पर राजनीतिक कार्यकर्ता, कार्यकर्ता चुनाव की वापसी का इंतजार कर रहे थे, ऐसे में उन्होंने बड़े पैमाने पर भाग लिया.

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3. नौकरशाही से त्रस्तः लोग नौकरशाही नियंत्रण के बारे में शिकायत कर रहे हैं. सरकारी कार्यालयों तक उनकी पहुंच सीमित हो रही है और इस प्रकार उनके दैनिक मुद्दों, समस्याओं का समाधान उस तरह से नहीं हो रहा है जिस तरह से लोग एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में चाहते हैं. जहां उनका निर्वाचित प्रतिनिधि सत्ता में होगा और वे उसके पास जा सकते हैं और अपने काम के लिए अपील कर सकते हैं. 

4. इंजीनियर रशीद फैक्टरः यूएपीए के तहत जेल में बंद, लंगेट के फायर ब्रांड राजनेता, अब्दुल रशीद, जिन्हें इंजीनियर रशीद के नाम से भी जाना जाता है. वह बहुत ही सफल अभियान चलाने में कामयाब रहे. उनके बेटे ने प्रचार किया और लोगों से भारी प्रतिक्रिया मिली. खासकर युवाओं की भीड़ भारी मात्रा में उनके समर्थन में पहुंची. उनके साथ सहानुभूति फैक्टर काम कर गया. कई इलाके ऐसे भी थे जो अब तक वोटिंग का बहिष्कार करते थे, लेकिन इस बार उन्होंने भी बाहर निकलकर वोटिंग की है. 

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सोमवार को हुई 59 फीसदी से अधिक वोटिंग
मुंबई और बारामूला में जो वोटिंग का अंतर दिखा और जो आंकड़े लिए गए हैं, वे शाम पांच बजे तक के हैं. इसके बाद देर शाम चुनाव आयोग ने टोटल वोटिंग टर्नआउट जारी किया. इसके मुताबिक, 
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में सोमवार को छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 49 लोकसभा सीटों पर 59 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज किया गया है. इसमें जम्मू-कश्मीर के बारामूला में अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया. पश्चिम बंगाल में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं, इसके अलावा राज्य और पड़ोसी ओडिशा में कुछ बूथों पर ईवीएम में गड़बड़ी और महाराष्ट्र में धीमी गति से मतदान की शिकायतें आईं. 

कहां कितनी वोटिंग
पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 73.14 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि महाराष्ट्र में सबसे कम 53.51 प्रतिशत मतदान हुआ, मुंबई के छह लोकसभा क्षेत्रों में 46 प्रतिशत से लेकर लगभग 54 प्रतिशत तक मतदान हुआ. चुनाव आयोग के मतदाता मतदान ऐप के अनुसार, ठाणे में 49.81 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.

लोकसभा 5वें चरण का मतदान कुल मतदान प्रतिशत   59.80% 

बिहार              54.58 %
झारखंड           63.07 %
लद्दाख             68.47 %

महाराष्ट्र            54.29 %
ओडिशा           66.28 %
उत्तर प्रदेश       57.79 %

पश्चिम बंगाल     73.69 %

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