देशभर में सात चरणों में चुनाव पूरे हो चुके हैं. एग्जिट पोल में NDA की सरकार बनती दिख रही है. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल पर नजर डालें तो NDA को 361 से 401 सीट मिलने का अनुमान है. वहीं इंडिया गठबंधन को 131 से 166 सीट मिलने का अनुमान है. इस एग्जिट पोल में छत्तीसगढ़ के आंकड़े पर नजर डालें तो NDA क्लीन स्वीप करती दिख रही है. 11 सदस्यीय राज्य में 10-11 सीटें जीतने का अनुमान NDA के पक्ष में है. तो वहीं इंडिया गठबंधन 0-1 सीट जीत सकता है.
इसके साथ ही यह भी साफ हो जाता है कि राजनांदगांव से उम्मीदवार छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के लिए यह मुकाबला कड़ा है. राजनांदगांव से भाजपा ने संतोष पांडे को उतारा है. जानकारों की मानें तो सियासी हवा संतोष पांडे के पक्ष में ज्यादा है. कुछ ही महीनों पहले भूपेश बघेल राज्य का विधानसभा चुनाव भी हारे हैं.
फिलहाल इस सीट पर भाजपा से संतोष पांडे, कांग्रेस से भूपेश बघेल, बसपा से देवलाल सिन्हा और अन्य भी कई उम्मीदवार मैदान में हैं.
कैसी है इस सीट की डेमोग्राफी
राजनांदगांव छत्तीसगढ़ राज्य का एक जिला है. दुर्ग जिले के विभाजन के बाद 26 जनवरी 1973 को राजनांदगांव जिला अस्तित्व में आया. राजनांदगांव छत्तीसगढ़ राज्य के 90 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं, जिनमें से एक सीट अनुसूचित जनजाति और एक सीट अनूसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं. राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में जो विधानसभा सीटें आती हैं, उनमें पंढरिया, कवर्धा, खैरागढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, डोंगरगढ़ (एससी), खुज्जी और मोहला-मानपुर (एसटी) विधानसभा सीटें शामिल हैं.
राजनांदगांव लोकसभा सीट पर साल 2014 में कुल 15 लाख 88 हजार 95 मतदाता थे, जिनमें से कुल 11 लाख 78 हजार 296 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इस सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान पुरुष वोटरों की संख्या 7 लाख 94 हजार 427 थी, जिनमें से 6 लाख एक हजार 874 ने वोट डाला था.
इसके अलावा महिला वोटरों की संख्या 7 लाख 93 हजार 668 थी, जिनमें से 5 लाख 76 हजार 422 महिला वोटरों ने चुनाव में हिस्सा लिया. राजनांदगांव लोकसभा सीट छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में आती है. राजनांदगांव शहर विद्वानों, बुद्धिमानों और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध लोगों के लिए जाना जाता है. यह शहर वैभव और विरासत को समेटे हुए है. इस सीट को वीआईपी सीट माना जाता है. यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम मोतीलाल वोरा जैसे कई दिग्गज चुनाव जीत चुके हैं.
कांग्रेस के लिए सेफ सीट मानी जाती रही है राजनांदगांव
इस सीट पर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र में 1952 से लेकर 1999 तक 13 बार चुनाव हुए, जिनमें से ज्यादातर नतीजे कांग्रेस के ही पक्ष में ही रहे थे. साल 2000 में मध्य प्रदेश के विभाजन से बने छत्तीसगढ़ के अस्तित्व में आने के बाद इस सीट पर एक उपचुनाव और तीन चुनाव हुए. 2019 चुनाव में राजनांदगांव लोकसभा संसदीय सीट पर कुल 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे थे. लेकिन बीजेपी के संतोष पांडे 6,62,387 वोटों से जीते थे. उस वक्त कांग्रेस के भोला राम साहू को 5,50,421 वोट मिले. जबकि तीसरे नंबर पर बसपा के रविता लाकड़ा को 17,145 वोट मिले.
वहीं 2014 के जनादेश पर नजर डालें तो बीजेपी के अभिषेक सिंह 6,43,473 वोटों से जीते थे. कांग्रेस के कमलेश्वर वर्मा को 4,07,562 वोट मिले थे. इसके बाद तीसरे नंबर पर नोटा को 32,385 मतदाताओं ने वोट दिए, फिर बसपा के आनंद साहू को 20,458 वोट मिले.