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BJP की महिला विधायक ने मायावती पर की आपत्तिजनक टिप्पणी, BSP भड़की

उत्तर प्रदेश के मुगलसराय से बीजेपी की विधायक साधना सिंह ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती पर आपत्तिजनक बयान दिया. उन्होंने मायावती की तुलना किन्नर से कर दी.

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साधना सिंह, चंदौली के मुगलसराय से बीजेपी विधायक हैं.
साधना सिंह, चंदौली के मुगलसराय से बीजेपी विधायक हैं.

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पर बीजेपी की महिला विधायक साधना सिंह ने विवादित बयान दिया है. गेस्ट हाउस कांड की बात करते हुए साधना सिंह ने कहा कि जिस महिला के साथ ऐसी घटना हो जाती है, वह कलंकित मानी जाती है. महिला विधायक जब यह अमर्यादित बयान दे रही थी, उस समय मंच पर पार्टी के प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह भी मौजूद था. साधना सिंह, चंदौली के मुगलसराय से विधायक हैं.

ये है साधना सिंह का आपत्तिजनक बयान

चंदौली जनपद के बबुरी थाना के परनपुरा गांव में किसान कुंभ अभियान कार्यक्रम में साधना सिंह ने कहा कि 'जब द्रोपदी का चीर हरण हुआ तो उसके बाद महाभारत हुआ, लेकिन  सपा ने मायावती का चीर हरण किया, उसके बावजूद भी सत्ता के लोभ में आकर उन्होंने सपा से गठबंधन करके महिलाओं की अस्मत पर दाग लगाया है. साधना सिंह यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने बसपा सुप्रीमो के बारे में अमर्यादित बयान देते हुए कहा कि वह ना नर हैं और ना ही नारी हैं.

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(वीडियो में देखें पूरा बयान)

बसपा ने कहा, मानसिक संतुलन खो चुके हैं बीजेपी नेता

बीजेपी की महिला विधायक के इस अमर्यादित बयान पर बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक ने हमारे पार्टी प्रमुख के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह भाजपा के स्तर को दर्शाता है. सपा-बसपा गठबंधन की घोषणा के बाद बीजेपी नेताओं ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है और उन्हें आगरा या बरेली के मानसिक अस्पतालों में भर्ती कराया जाना चाहिए.

स्वाति सिंह पर बसपा नेताओं के बयान को लेकर मचा था हंगामा

इससे पहले बीजेपी के ही नेता दयाशंकर सिंह ने मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद बसपा नेताओं ने लखनऊ में आक्रोश रैली की थी. इस दौरान बसपा नेताओं ने भी दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह और बेटी पर विवादित बयान दिया था. यह बयान कई दिनों तक सुर्खियों में रहा था और इसके बयान पर पलटवार करने के कारण स्वाति सिंह, बीजेपी की यूपी में सबसे बड़ी महिला नेता के रूप में उभर गई थीं. फिलहाल वह उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं.

क्या है गेस्ट हाउस कांड

दरअसल, 1993 में सपा और बसपा ने गठबंधन करके सरकार बनाई थी, लेकिन 3 जून, 1995 को यह सरकार मायावती और मुलायम सिंह यादव के बीच मनमुटाव के कारण गिर गई. इससे पहले 2 जून, 1995 को मायावती के समर्थन वापसी के बाद जब मुलायम सरकार पर संकट के बादल गहराए तब कई सपा नेता बेचैन हो गए. नाराज सपा कार्यकर्ता और विधायक लखनऊ के मीराबाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्ट हाउस पहुंच गए, जहां मायावती कमरा नंबर-1 में ठहरी हुई थीं. मायावती के जीवन पर आधारित अजय बोस की किताब 'बहनजी'  के मुताबिक, उस दिन गेस्ट हाउस के कमरे में बंद मायावती के साथ कुछ गुंडों ने बदसलूकी और हाथापाई की.

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