लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियां राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से कर रही हैं. इस दौरान एक दूसरे को हटाने और मिटाने जैसे नारे बेहद आम हो गए हैं. नेताओं की ओर से विरोधी पार्टियों पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. इसी बीच शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मांग की है कि कांग्रेस की मान्यता खत्म कर दी जाए और 2019 का चुनाव लड़ने से उसे प्रतिबंधित कर दिया जाए.
उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस पर राष्ट्रविरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने की मांग करने का आरोप लगाया है. ठाकरे ने कहा, 'कांग्रेस की मान्यता समाप्त कर दी जाए और उसे 2019 का चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया जाए, क्योंकि यह राष्ट्रविरोधी एजेंडे को आगे बढ़ा रही है.'
कांग्रेस के मेनिफेस्टो जारी होने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए ठाकरे ने सवाल किया, "वे किस तरह की सरकार चाहते हैं- देशद्रोहियों और राष्ट्रविरोधियों की, या देशभक्तों और राष्ट्रवादियों की?"
माना जा रहा है कि शिवसेना प्रमुख ने यह बयान इसलिए दिया है क्योंकि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया है कि अगर सत्ता में वापस लौटती है तो देशद्रोह से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए को खत्म करेगी.
उद्धव ठाकरे ने कहा इस तरह की किसी पार्टी को चुनाव लड़ने का कोई अधिकार नहीं है और निर्वाचन आयोग इसकी मान्यता समाप्त करे और कांग्रेस को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करे.
ठाकरे ने एक दशक के भीतर भारत को गरीबी से मुक्त करने के कांग्रेस के घोषणा-पत्र के वादे को झूठा बताया और कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की दादी दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी गरीबी हटाने का वादा किया था, लेकिन इन वर्षों में कुछ नहीं हुआ.
बता दें कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि सत्ता में आए तो न्याय योजना लागू करेंगे. 5 करोड़ परिवार या 25 करोड़ लोगों को सालाना 72 हजार रुपये देंगे. यह रकम 12 हजार रुपये महीने तक की आय वाले गरीब परिवारों को दी जाएगी. कांग्रेस गरीबी हटाओ का नारा एक बार फिर दोहराया है.
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