जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शानदार जीत दर्ज की है. उन्होंने अपने करीबी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रतिद्वंदी आगा सईद मोहसिन को करारी शिकस्त दी. चुनाव आयोग के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने 70 हजार 50 वोटों के बड़े अंतर से पीडीपी के आगा सईद मोहसिन को पटखनी दी.
इस लोकसभा चुनाव में फारूक अब्दुल्ला को कुल एक लाख 06 हजार 750 वोट मिले, जो कुल मतदान का 57.14 फीसदी है. वहीं, दूसरे नंबर पर रहे पीडीपी के आगा सईद मोहसिन को 3 लाख 67 हजार वोट मिले, जो कुल मतदान का प्रतिशत 19.64 है. श्रीनगर लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को वोटिंग हुई थी, जिसमें क्षेत्र के कुल 12 लाख 93 हजार 936 वोटरों में से 14.08 फीसदी ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
इस लोकसभा सीट से कॉन्फ्रेंस पार्टी के मुखिया और वर्तमान सांसद फारूक अब्दुल्ला, बीजेपी के शेख खालिद जहांगीर, पीडीपी के आगा सैयद मोहसिन समेत कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे थे. इसके अलावा नेशनल पैंथर्स पार्टी, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, पीपुल कॉन्फ्रेंस, राष्ट्रीय जनक्रांति पार्टी, मानवाधिकार नेशनल पार्टी के उम्मीदवारों के साथ 3 निर्दलीय भी चुनाव मैदान में उतरे थे.
जानिए इस चुनाव में किसको कितने वोट मिले
श्रीनगर की लोकसभा सीट से 1967 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के बख्शी गुलाम मोहम्मद जीते थे. 1971 में इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी एस.ए. शमीम ने जीत दर्ज की. इस हार के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जबरदस्त वापसी की और लगातार चार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की. 1977 में इस सीट से बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला सांसद बनीं. इसके बाद 1980 में उनके बेटे फारूक अब्दुल्ला ने इस सीट से जीत दर्ज की.
साल 1984 और 1989 में भी यह सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास ही रही और क्रमश: अब्दुल राशिक काबुली और मोहम्मद सफी भट सांसद बने. 1996 में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई और गुलाम मोहम्मद मीर मागामी जीते.
साल 1998, 1999 और 2004 में यह सीट फिर से नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास आ गई और तीनों बार उमर अब्दुल्ला सांसद बने. इसके बाद 2009 में इस सीट से फारूक अब्दुल्ला उतरे और जीते, लेकिन 2014 का चुनाव वह हार गए. उन्हें पीडीपी के तारिक हामीद कर्रा ने हराया. इसके बाद 2017 में हुए उपचुनाव में एक बार फिर फारूक अब्दुल्ला इस सीट से सांसद बने.
श्रीनगर लोकसभा सीट के अन्तर्गत 15 विधानसभा सीटें (कंगन, गन्दरबल, हजरतबल, जादीबाल, ईदगाह, खानयार, हबाकदल, अमिरकादल, सोनवार, बटमालू, चादुरा, बडगाम, वीरवाह, खानसाहिब और चरार-ए-शरीफ) आती हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा सीट की इन 15 सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बीच कड़ी टक्कर हुई थी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 7 (कंगन, गन्दरबल, ईदगाह, खानयार, हबाकदल, बडगाम, वीरवाह) और पीडीपी के पास 8 (हजरतबल, जादीबाल, अमिरकादल, सोनवार, बटमालू, चादुरा, खानसाहिब, चरार-ए-शरीफ) सीटें हैं.
2014 का जनादेश
2017 के उपचुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला 10,776 वोटों से जीते थे. उन्हें 48,555 वोट मिला था, जबकि उनके प्रतिद्वंदी पीडीपी के नाजिर अहमद खान को 37,779 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी फारूक अहमद दार (630 वोट) रहे थे.
इससे पहले 2014 के आम चुनाव में पीडीपी के तारिक हामिद कर्रा ने फारूक अब्दुल्ला को 42,281 से मात दी थी. कर्रा को 1,57,923 वोट मिले थे. वहीं, फारूक को 1,15,643 वोट मिला था. तीसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी आगा सैयद मोहसिन (16, 050 वोट) थे. खास बात है कि इस सीट पर बीजेपी की जमानत जब्त हो गई थी. उसके प्रत्याशी फयाज अहमद भट को सिर्फ 4,467 वोट मिले थे.
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