शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार पर सूखे की राजनीति का आरोप लगाते हुए केंद्र में अपने सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का बचाव किया है. शिवसेना ने बीजेपी और केंद्र सरकार की योजनाओं की तारीफ भी की है.
शिवसेना ने महाराष्ट्र में सूखे की निकट संभवाना देखते हुए आचार सहिंता पर नरम रुख अख्तियार करने के चुनाव आयोग के फैसले का शिवसेना ने स्वागत किया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने चुनाव आयोग से अपील की थी कि सूखे की संभावना के मद्देनजर किए जाने वाले काम को आचार संहिता का उल्लंघन माना है.
शिवसेना का कहना है कि सूखे पर हर विरोधी सरकार, सत्तारूढ़ सरकार के प्रयासों को कम आंकती है. इसलिए विपक्ष की आलोचनाओं पर मौजूदा सरकार को ध्यान नहीं देना चाहिए. शिवसेना ने एनसीपी के सूखा प्रभावित इलाकों में दौरे पर भी सवाल खड़े किए हैं. शिवसेना का आरोप है कि विधानसभा की पूर्व तैयारियों के लिए एनसीपी सूखे से प्रभावित इलाकों में दौरा कर रही है.
हालांकि शिवसेना ने इस बात से इनकार नहीं किया है कि भीषण सूखे के कारण सैकड़ों गांव वीरान हो गए हैं और लोगों में पलायन की प्रवृत्ति बढ़ी है. महाराष्ट्र में एक बार फिर 2016 जैसी परिस्थितियां बन रही हैं. कुछ इलाकों में भीषण सूखे की संभावना बनती नजर आ रही है.
सूखे पर राज्य सरकार की आलोचना पर विपक्ष की टिप्पणियों पर शिवसेना ने कहा है कि राजनीति की वजह से बीजेपी सरकार की आलोचना की जा रही है.
शिवसेना ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार पर सवाल उठाया है कि जब उनके पास सत्ता थी तो उन्होंने पानी और कृषि के बारे में कौन सी स्थाई योजनाएं बनाएं. शिवसेना ने विपक्ष पर जल सिंचाई के घोटाले के अपने आरोप को फिर दोहराया है. शिवसेना ने विपक्ष पर तंज कसते हुए सलाह दी है कि विपक्ष इस पर राजनीतिक रोटियां सेंकने की बजाय एकसाथ मिलकर काम करें.
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़ लेटर