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Salem Election Result: DMK ने AIADMK को 146926 वोटों से हराया

Lok Sabha Chunav Salem Result 2019 सलेम लोकसभा सीट पर DMK के पार्थीबन एसआर ने AIADMK के सर्वानन केआरएस को 146926 वोटों से हराया.

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Salem Lok Sabha Election Result 2019
Salem Lok Sabha Election Result 2019

तमिलनाडु की सेलम लोकसभा सीट का नतीजा आ गया है. DMK के पार्थीबन एसआर ने AIADMK के सर्वानन केआरएस को 146926 वोटों से हराया. पार्थीबन एसआर को 602453 और सर्वानन केआरएस को 458118 वोट मिले.

ये रहे नतीजे

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कब और कितनी हुई वोटिंग

तमिलनाडु की सलेम लोकसभा सीट पर 18 अप्रैल को वोट डाले गए. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर 77.33 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. पूरे प्रदेश में 71.87 प्रतिशत मतदान हुआ.

Lok Sabha Election Results 2019 LIVE: देखें पल-पल का अपडेट

कितने प्रत्याशी हैं मैदान में

इस लोकसभा सीट से सदायन एम (बहुजन समाज पार्टी), सर्वानन केआरएस (ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम), पार्थीबन एसआर (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम), सिलमबरासन सी (तमिलनाडु इलांगर काची ), प्रभु मनिकंदन एम (मक्कल निधि मय्यम), रासा ए (नाम तमिलर काची),  मोहन पी (सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिरस्ट)), सुधिश एलके (देसिया मोरपोक्कू द्रविड़ कड़गम), गणेश एच (मक्कल निधि मय्यम) चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों में अहमद शाहजहां एम, कलाईमन्नन एम, सिवारमन एस, सुरुलिवेल एनके, सेल्वेम एसके, तमिलारासन टी, नटराजन सी, प्रवीणा जी, मदेस्वरण एस, मूर्ति कामाराजर एम, रवि ए, रामचंद्रन केटी, राजा ए और हरिहरण के हैं.

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2014 का जनादेश

2014 में एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता ओ. पनीरसेल्वम ने 2,67,610 वोटों से जीत हासिल की थी. उन्हें 14,98,350 में से 5,56,546 वोट मिले थे. जबकि उनके प्रतिद्वंदी और डीएमके नेता एस. उमाराणी  को 2,88,936 वोट मिले थे. इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी को 46,477 और आम आदमी पार्टी को 5,198 वोट मिले थे.

सामाजिक ताना-बाना

सेलम का मुख्य व्यवसाय इस्पात संयंत्र और आम की खेती है. 2011 की जनगणना के मुताबिक सेलम लोकसभा संसदीय क्षेत्र की कुल आबादी 19,54,050 है, जिसमें 36.26 फीसदी लोग ग्रामीण इलाके में रहते हैं तो वहीं 63.74 फीसदी शहरी आबादी है. यहां अनुसूचित जाति (SC) की जनसंख्या 14.21 फीसदी है जबकि अनुसूचित जनजाति (ST) की आबादी 0.74 फीसदी है.

सीट का इतिहास

1952 में अस्तित्व में आने के बाद यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. 1991 से 2014 तक यहां 12 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें दो बार द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को जीत मिली है जबकि चार बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC), एक बार निर्दलीय और एक बार TMC(M) ने जीत दर्ज की है.

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