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PSE: उत्तर भारत में वोटरों की नाराजगी का सामना कर रहे NDA सांसदों को PM मोदी के नाम का सहारा

NDA सांसद देश के उत्तर और पश्चिम क्षेत्रों के राज्यों में मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं. आम चुनाव से पहले इंडिया टुडे पोल ट्रैकिंग मूड ने ये संकेत दिया है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी लोकप्रियता इन क्षेत्रों में इन सांसदों को बचा सकती है. ये निष्कर्ष एक्सिस माई इंडिया की ओर से इंडिया टुडे के लिए कराए गए पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) का है. लेकिन दक्षिण में NDA  के लिए अच्छे संकेत नहीं है.

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पीएम मोदी (फोटो- Reuters)
पीएम मोदी (फोटो- Reuters)

NDA सांसद देश के उत्तर और पश्चिम क्षेत्रों के राज्यों में मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं. आम चुनाव से पहले इंडिया टुडे पोल ट्रैकिंग मूड ने ये संकेत दिया है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी लोकप्रियता इन क्षेत्रों में इन सांसदों को बचा सकती है. ये निष्कर्ष एक्सिस माई इंडिया की ओर से इंडिया टुडे के लिए कराए गए पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) का है. लेकिन दक्षिण में NDA  के लिए अच्छे संकेत नहीं है. वहां खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ बड़ा सत्ता विरोधी रुझान (एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर) दिखाई दे रहा है.  

उत्तर, पश्चिम में मोदी के नाम का सहारा

PSE  के मुताबिक महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे अहम राज्यों के मतदाताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी आकर्षण बरकरार है. हालांकि NDA सांसदों को लेकर इन राज्यो के मतदाताओं में कमोवेश कोई अच्छी राय नहीं है बल्कि जनभावनाएं इनके ख़िलाफ़ हैं.

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देश की हिन्दी बेल्ट के सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश में 62% वोटर अपने मौजूदा सांसदों से नाखुश हैं. 2014 में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश से अपने बूते 71 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी.

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महाराष्ट्र में 55 फीसदी वोटर मौजूदा सासंदों के काम से खुश नहीं हैं. महाराष्ट्र से लोकसभा की 48 सीट हैं जिनमें 2014 चुनाव में बीजेपी को 23 और उसकी सहयोगी शिवसेना को 18 सीट पर जीत मिली थी.

PSE सर्वे बताता है कि गुजरात में 52% वोटर अपने सांसदों से नाखुश है. यहां पिछले आम चुनाव में सभी लोकसभा सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार जीते थे. 29 लोकसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में 52%  प्रतिभागी सासंदों से असंतुष्ट हैं, इनमें वर्तमान में 24 सासंद बीजेपी से हैं.

दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी की बात की जाए तो PSE सर्वे में उन्हें यूपी, गुजरात और मध्य प्रदेश में 63%  प्रतिभागियों से तारीफ़ मिली. महाराष्ट्र में मोदी की लोकप्रियता का आंकड़ा 58% रहा.

PSE सर्वे के मुताबिक बिहार में मौजूदा सांसदों के खिलाफ बड़ा सत्ता विरोधी रुझान है. यहां 66% वोटर इन सांसदों से नाखुश हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में बीजेपी ने 22 पर कामयाबी पाई थी. वहीं इसकी सहयोगी पार्टी लोकजनशक्ति ने 6 सीटों पर जीत हासिल की थीं. अब एनडीए में शामिल हो चुके जेडीयू को पिछले आम चुनाव में बिहार में सिर्फ 2 सीटों पर विजय मिली थी. हालांकि बिहार में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का आकंड़ा अब भी 58% है.  

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NDA  के लिए कर्नाटक को छोड़ दक्षिण में उलटी हवा

देश के सभी राज्यों की बात की जाए तो पीएम मोदी केरल और तमिलनाडु में सबसे कम लोकप्रिय हैं. PSE सर्वे के मुताबिक तमिलनाडु में 68% प्रतिभागियों ने मोदी को लेकर नाखुशी जताई. वहीं केरल में 72% मतदाता मोदी से असंतुष्ट दिखे. 

बता दें कि बीजेपी 2014 लोकसभा चुनाव में केरल में अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी. केरल की 20 लोकसभा सीटों में कांग्रेस को 8 और सीपीएम को 5 सीटों पर कामयाबी मिली थी. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने दो और सीपीआई ने एक सीट जीती थी.

केरल के लिए PSE  में 53% वोटरों ने मौजूदा सांसदों को लेकर संतोष जताया. यहां सिर्फ 47% वोटर ही मौजूदा सांसदों से नाखुश दिखे. ये संकेत देता है कि केरल से इस बार भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की संभावनाएं क्षीण हैं. तमिलनाडु में AIADMK  ने 2014 लोकसभा चुनाव में 39 में से 37 सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी को एक सीट पर कामयाबी मिली थी.

PSE के मुताबिक तमिलनाडु में 76% वोटर अपने मौजूदा सांसदों से नाखुश हैं. वहीं 68% वोटर प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी के कामकाज से भी खुश नहीं हैं. पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी के फिलहाल लोकसभा में 15 सांसद हैं. बीजेपी को पिछले आम चुनाव में राज्य से 2 लोकसभा सीट पर जीत हासिल हुई थी. 

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PSE सर्वे से संकेत मिलता है कि आंध्र में 61% वोटर अपने मौजूदा सांसदों से संतुष्ट हैं. इस राज्य में पीएम मोदी के लिए संतुष्ट और असंतुष्ट वोटरों का आकंड़ा बराबर यानी 50:50 दिखा.

तेलंगाना में 66% वोटर अपने मौजूदा लोकसभा सांसदों से खुश हैं, इनमें से अधिकतर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के हैं. तेलंगाना में 51% वोटरों ने पीएम मोदी के कामकाज को लेकर असंतोष जताया.

कर्नाटक से ज़रूर बीजेपी के लिए PSE से कुछ अच्छे संकेत हैं. कर्नाटक में फिलहाल 28 लोकसभा सीटों में से 17 बीजेपी के पास हैं. यहां 55%  वोटरों ने मौजूदा सांसदों को लेकर संतोष जताया. यहां 62%  वोटरों ने पीएम मोदी के कामकाज को भी सराहा.

मेथेडोलॉजी

PSE सर्वे 540 लोकसभा क्षेत्रों में टेलीफोन पर लिए गए साक्षात्कारों पर आधारित हैं. इस सर्वे में 2,25,166 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.

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