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त्रिपुरा कांग्रेस अध्‍यक्ष ने काफिले पर हमला करने वाले शख्‍स को थाने में मारा थप्‍पड़

त्रिपुरा कांग्रेस अध्यक्ष प्रद्युत देव बर्मन ने एक व्यक्ति को पुलिस स्टेशन में घुसकर थप्पड़ जड़ दिया. घटना का यह वीडियो कैमरे भी कैद हो गया है. जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेता ने थप्पड़ जड़ा है उस पर आरोप है कि उसने प्रज्ञा देव बर्मन के काफिले पर पत्थर मारा है.

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(वीडियो का स्क्रीनशॉट)
(वीडियो का स्क्रीनशॉट)

त्रिपुरा कांग्रेस के अध्यक्ष प्रद्युत किशोर देव बर्मन ने खोवाई पुलिस स्टेशन में जाकर पुलिसवालों के सामने ही एक व्यक्ति को थप्पड़ मार दिया. थप्पड़ मारने की यह घटना कैमरे में भी कैद हो गई. प्रद्युत किशोर त्रिपुरा के एक शाही परिवार के सदस्य भी हैं. थप्पड़ की आवाज इतनी तेज थी कि कैमरे में भी आवाज कैद हो गई.

कांग्रेस नेता ने जिस व्यक्ति को थप्पड़ जड़ा था उस पर आरोप है कि उसने प्रद्युत की बहन और त्रिपुरा से कांग्रेस प्रत्याशी प्रज्ञा देव बर्मन के काफिले पर हमला बोला था.

प्रद्युत ने इस घटना के बाद आज तक से कहा, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. इस व्यक्ति ने मेरी बहन पर ईंट से हमला किया था जिससे वह बाल-बाल बची. मैं अपने खिलाफ होने वाले हर कार्रवाई के लिए तैयार हूं लेकिन मैंने वही किया जो कोई भी भाई या त्रिपुरा का एक जिम्मेदार नागरिक करता.'

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प्रज्ञा देव बर्मन त्रिपुरा संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हैं. त्रिपुरा में 23 अप्रैल को वोटिंग होने वाली है. प्रज्ञा देव त्रिपुरा ईस्ट से चुनाव लड़ रही हैं.

प्रज्ञा अपने लिए वोटिंग कैंपेन पूरी कर जब वापस तुलासिखर लौट रही थीं तभी उनके काफिले पर पत्थरों से हमला किया गया. वे किसी तरह सुरक्षित बचने में कामयाब रहीं.

वायरल वीडियो में यह देखा जा रहा है कि प्रद्योत देव बर्मन थाने में घुसकर आरोपी को मार रहे हैं. आरोपी थाने में एक बेंच पर बैठा दिख रहा है. इस घटना के बाद तुरंत पुलिस ने भी हस्तक्षेप किया.

इससे पहले चुनाव आयोग ने मंगलवार को ऐलान किया था कि 18 अप्रैल को होने वाली वोटिंग 23 अप्रैल को कराई जाएगी. चुनाव आयोग ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर वोटिंग की तारीख बढ़ा दी थी.

त्रिपुरा ईस्ट संसदीय क्षेत्र से फिलहाल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जितेंद्र चौधरी सांसद हैं. उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सचित्र देबर्मा को हराया था.

जनजाति समुदाय के लिए आरक्षित त्रिपुरा पूर्व संसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने इस बार रेबती त्रिपुरा को मैदान में उतारा है. टीचर रहे रेबती त्रिपुरा की जमीनी पकड़ अच्छी है. सीपीएम ने यहां से मौजूदा सांसद जितेन्द्र चौधरी को ही टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने महाराज कुमारी प्रज्ञा देबबर्मन को टिकट दिया है. बीजेपी की सहयोगी रही इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा ने इस सीट से नरेंद्र चंद्र देबबर्मा को टिकट दिया है. इस सीट पर निर्दलीय समेत 10 उम्मीदवार मैदान में हैं.

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त्रिपुरा भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है. इस राज्य की सीमाएं असम, मिजोरम और बांग्लादेश से लगती हैं. त्रिपुरा की राजधानी अगरतला है. यहां पर बंगाली और त्रिपुरी भाषा (कोक बोरोक) बोली जाती हैं. त्रिपुरा की स्थापना 14वीं शताब्दी में माणिक्य नामक इंडो-मंगोलियन आदिवासी मुखिया ने किया था. उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया था. त्रिपुरा साल 1956 में भारतीय गणराज्य में शामिल हुआ था. इसके बाद साल 1972 में त्रिपुरा को राज्य का दर्जा दे दिया गया था.

त्रिपुरा ईस्ट लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यहां की अपनी अनोखी जनजातीय संस्‍कृति और दिलचस्‍प लोकगाथाएं है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर कुल वोटरों की संख्या 11 लाख 40 हजार 269 है. त्रिपुरा ईस्ट संसदीय क्षेत्र में कुल 30 विधान सभा सीटें आती हैं. आपको बता दें कि त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विधानसभा है.

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