लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में राजस्थान की 12 सीटों पर वोटिंग जारी है. यहां कांग्रेस की सारी उम्मीदें राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पर टिकी हैं. तो वहीं भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) को प्रधानमंत्री के नाम से. विधानसभा चुनाव में यही वह इलाका था, जहां से सचिन पायलट ने कांग्रेस को जीत दिलाई थी.
पहले चरण में हुए 13 सीटों के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस फंसी भी नजर आ रही थी, लेकिन माना जा रहा है कि दूसरे चरण की 12 सीटों पर सचिन पायलट की अच्छी पकड़ है और यहां से कांग्रेस को उम्मीदें हैं. इसी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन 12 सीटों के लिए चार रैलियां की.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्र सरकार में मंत्री वीके सिंह से लेकर मोदी सरकार के 15 मंत्री इन 12 सीटों के लिए अपने ताकत लगाए हुए हैं. बीजेपी को इन सीटों पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का सहारा है.
इन इलाकों में दौसा, धौलपुर-करौली, भरतपुर, नागौर जैसी सीटें हैं. जहां माना जा रहा है कि कांग्रेस जीत सकती है. बीकानेर, झुंझुनू, सीकर और जयपुर ग्रामीण सीट पर कांग्रेस और बीजेपी में टक्कर का मुकाबला माना जा रहा है. कोई भी दल अपनी जीत के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है.
जयपुर शहर में कांग्रेस और बीजेपी दोनों भीतरघात के समस्या से उलझ रही हैं. जिस पार्टी में ज्यादा भीतरघात हुआ, उस पार्टी के जीतने की संभावना कम है.
माना जा रहा है कि सचिन पायलट के मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से गुर्जर नाराज हैं, लेकिन सचिन पायलट ने इस इलाके में ताबड़तोड़ रैलियां कर नाराज गुर्जरों को मनाया है. धौलपुर-करौली की सभा में तो सचिन पायलट ने कहा कि मेरे हाथ मजबूत करने के लिए आप कांग्रेस को वोट दीजिए. सचिन पायलट अगर अपने प्रभाव वाले इलाकों में जीत दिला पाएंगे तो पार्टी के अंदर उनका कद बढ़ेगा.
उधर कहा जा रहा है कि धौलपुर-करौली, जयपुर शहर, भरतपुर जैसी सीटों पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी अपनी ताकत लगाई है.
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