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आउटर मणिपुर लोकसभा सीट: कौन-कौन है उम्मीदवार, किसके बीच होगी कड़ी टक्कर

2014 के लोकसभा चुनाव में मणिपुर सीट से कांग्रेस के थांगसो बाइटे ने जीत दर्ज की थी. वो दूसरी बार यहां से सांसद चुने गए थे. तब उन्हें कुल मतदान का 38 फीसदी वोट मिले थे. अब 2019 के चुनावी मैदान में कौन-कौन इस सीट से उम्मीदवार हैं. जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर.

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आउटर मणिपुर लोकसभा सीट से बीजेपी को बड़ी आस
आउटर मणिपुर लोकसभा सीट से बीजेपी को बड़ी आस

पूर्वोत्तर भारत में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्य मणिपुर में बीजेपी की नजर दोनों संसदीय सीटों पर कब्जा जमाने की होगी. हालांकि राज्य के आउटर मणिपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है और बीजेपी इस बार यहां से कमल खिलाने चाहेगी. यहां पर पहले चरण (11 अप्रैल) में मतदान होगा.

आउटर मणिपुर लोकसभा सीट पर 8 उम्मीदवार मैदान में हैं. चुनावी मैदान में भारतीय जनता पार्टी के होलेम शोखोपाओ मैट, कांग्रेस के जेम्स, नगा पीपुल्स फ्रंट के लोर्हो एस फोज और एनसीपी के अंगम कारुंग कोल के बीच है.

भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में लोकसभा की 2 सीटें हैं. इन 2 सीटों के नाम बाहरी मणिपुर (Outer Manipur) और आंतरिक मणिपुर (Inner Manipur) है. इस राज्य की सीमाएं नागालैंड, मिजोरम और असम के अलावा म्यांमार से लगती हैं. मणिपुर को भारत का बेहद संवेदनशील सीमावर्ती राज्य मान जाता है. अगर शब्द की दृष्टि से देखें तो मणिपुर का शाब्दिक अर्थ ‘आभूषणों की भूमि’ है.

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पहली बार 1951 में लोकसभा चुनाव

आउटर मणिपुर में पहली बार साल 1951 में लोकसभा चुनाव हुए थे. इस सीट पर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. अब तक हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 9 बार जीत दर्ज कर चुकी है. इसके अलावा सीपीआई, एनसीपी, एसपी और निर्दलीय प्रत्याशी भी इस सीट पर जीतते आए हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के थांगसो बाइटे को जीत मिली थी.

पहाड़ियों और घाटियों से आच्छादित मणिपुर राज्य में नगा और कूकी जाति की लगभग 60 जनजातियों के लोग रहते हैं, जो लोक संगीत और कला में प्रवीण होते हैं. यहां मणिपुरी भाषा बोली जाती है. यहां के पहाड़ी ढालों पर चाय और घाटियों में धान की पैदावार की जाती है. 1947 से पहले मणिपुर एक रियासत थी. आजादी के बाद यह भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश बन गया. 21 जनवरी 1972 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया और इंफाल को राजधानी बनाया गया.

मणिपुर में 60 सदस्यीय विधानसभा है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 31, नेशनल पीपल्स पार्टी को 4, नागा पीपुल्स फ्रंट को 4, लोक जनशक्ति पार्टी को एक सीट और कांग्रेस को 19 सीटों पर जीत मिली थी. इसके अतिरिक्त एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने बाजी मारी थी. विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने 41 विधायकों के समर्थन के साथ सूबे में सरकार बनाई. यहां की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस है. आउटर मणिपुर में विधानसभा की 28 सीटें आती है. मणिपुर में राज्यसभा की भी एक सीट है.

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2014 में जीते कांग्रेस के थांगसो

2014 के लोकसभा चुनाव में मणिपुर सीट से कांग्रेस के थांगसो बाइटे ने जीत दर्ज की थी. वो दूसरी बार यहां से सांसद चुने गए थे. तब उन्हें 2,96,770 वोट यानी कुल मतदान का 38 फीसदी वोट मिले थे. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी एनपीएफ के उम्मीदवार सोसो लोहरो को 15,637 वोटों से करारी शिकस्त दी थी. इस चुनाव में सोसो लोहरो को 2,81,133 मत मिले थे.

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