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ओडिशा: नवीन पटनायक के किले को नहीं बहा सकी मोदी लहर

लोकसभा चुनाव में एनडीए ने जोरदार प्रदर्शन किया है. एनडीए 350 के करीब पहुंच गई और अब बीजेपी सरकार बनाने जा रही है. हालांकि इस मोदी लहर में भी एक राज्य ऐसा भी है, जहां मोदी लहर कारगर साबित नहीं हुई है और क्षेत्रीय पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है.

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नवीन पटनायक (फाइल फोटो)
नवीन पटनायक (फाइल फोटो)

लोकसभा चुनाव में एनडीए ने जोरदार प्रदर्शन किया है. एनडीए 350 के करीब पहुंच गई और अब बीजेपी सरकार बनाने जा रही है. हालांकि इस मोदी लहर में भी एक राज्य ऐसा भी है, जहां मोदी लहर कारगर साबित नहीं हुई है और क्षेत्रीय पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है.

उत्तर और पश्चिम भारत में बड़े पैमाने पर बीजेपी ने सबका सफाया किया है. अकेली बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. बीजेपी को पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी अच्छी संख्या में सीटें जीती हैं. ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अगुवाई वाले बीजू जनता दल ने शेष 13 जीतीं, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है.

हालांकि, राज्य सरकार का चुनाव करते समय पटनायक मतदाताओं की प्राथमिकताओं पर अजेय दिखते हैं. ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए. इसमें बीजद को कुल 147 में से 100 से अधिक सीटों पर जीत या बढ़त मिलती दिख रही है. भाजपा 30 से कम सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है और कांग्रेस 15 के आसपास है. इसके साथ ही पटनायक पांचवीं बार ओडिशा के सीएम के रूप में शपथ लेने को तैयार हैं.

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बता दें कि इंडिया टुडे - एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल ने 89-105 सीटों पर बीजेडी की जीत की भविष्यवाणी की थी और ठीक ऐसा ही हुआ. बीजेपी को कम से कम 29 सीटों पर बड़ा फायदा होने की उम्मीद थी. भगवा पार्टी के लिए 2014 के मुकाबले ये एक बड़ा फायदा है. बीजद ने पिछले विधानसभा चुनाव में 117 सीटें जीती थीं. इस बार के दोनों चुनावों में कांग्रेस के चलते भाजपा ने विपक्ष की भूमिका निभाई है.

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवीन पटनायक दोनों ने एक दूसरे को जीत की बधाई दी, नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘नवीन बाबू, आपको एक और जीत के लिए बधाई. आने वाले टर्म के लिए आपको बधाई’. पीएम साइक्लोन फानी से निपटने में सरकार के प्रयासों के लिए पटनायक की प्रशंसा कर रहे थे. प्रशासन को अभी भी पुरी में बिजली जैसी आवश्यक सेवाओं को बहाल करने की आवश्यकता है और नई सरकार को इस बड़ी चुनौती से निपटने के लिए केंद्र के साथ समन्वय करना होगा.

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