बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनाव न लड़ने के ऐलान के बाद अपने कार्यकर्ताओं से मायूस न होने की अपील की है. बुधवार को ही मायावती ने लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था. इसके थोड़ी देर बाद मायावती ने ट्वीट करके लिखा, 'अभी मेरे चुनाव नहीं लड़ने के फैसले से लोगों को कतई मायूस नहीं होना चाहिए.' मायावती के इस ट्वीट को उनके प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से जोड़ कर देखा जा रहा है.
मायावती ने लिखा, 'जिस प्रकार 1995 में जब मैं पहली बार यूपी की सीएम बनी थी तब मैं यूपी के किसी भी सदन की सदस्य नहीं थी. ठीक उसी प्रकार केन्द्र में भी पीएम/मंत्री को 6 माह के भीतर लोकसभा/राज्यसभा का सदस्य बनना होता है. इसीलिये अभी मेरे चुनाव नहीं लड़ने के फैसले से लोगों को कतई मायूस नहीं होना चाहिए.'
जिस प्रकार 1995 में जब मैं पहली बार यूपी की सीएम बनी थी तब मैं यूपी के किसी भी सदन की सदस्य नहीं थी। ठीक उसी प्रकार केन्द्र में भी पीएम/मंत्री को 6 माह के भीतर लोकसभा/राज्यसभा का सदस्य बनना होता है। इसीलिये अभी मेरे चुनाव नहीं लड़ने के फैसले से लोगों को कतई मायूस नहीं होना चाहिये
— Mayawati (@Mayawati) March 20, 2019
इससे पहले मायावती ने कहा था कि देश में गरीब, मजदूर, किसान, बेरोजगार, मेहनतकश लोग अहंकारी बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए ही यूपी में बसपा, सपा और आरएलडी का गठबंधन किया गया है. इस गठबंधन को किसी भी कीमत पर जरा सा भी नुकसान होते हुए नहीं देखना चाहती हूं. इसलिए मेरे खुद के जीतने से ज्यादा जरूरी एक-एक सीट को जीतना है.
Mayawati Ji's Press conference today on 20 March 2019 announcing not to contest Lok Sabha poll now to ensure victory of each and every seats of the BSP-SP-RLD alliance in Uttar Pradeesh. pic.twitter.com/yXJlLpQ4ND
— Mayawati (@Mayawati) March 20, 2019
मायावती ने कहा था कि जनहित और देशहित का यही तकाजा है कि मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूं. मुझे भरोसा है कि मेरी पार्टी के लोग मेरे इस फैसले का स्वागत करते हुए गठबंधन की एक-एक सीट को जिताने में तन-मन-धन से मेहनत करेंगे. इसके बाद उनके कार्यकर्ता निराश हो गए थे और सोशल मीडिया पर इसे जाहिर भी कर रहे थे.
अब मायावती ने उनसे मायूस ने होने की अपील की है. साथ ही यह भी संकेत दे दिए हैं कि वह प्रधानमंत्री पद की दौड़ में हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में इसका जिक्र भी किया है. बता दें कि मायावती के साथ आए अखिलेश यादव और पवन कल्याण जैसे नेताओं ने पत्रकारों ने कई बार प्रधानमंत्री पद के दावेदार पर सवाल पूछे हैं. ऐसे में अखिलेश यादव कह चुके हैं कि गठबंधन को आगे बढ़ाने के लिए वह खुद पीछे हटने से गुरेज नहीं करेंगे तो पवन कल्याण तो मायावती को पीएम बनाने की अपील कर चुके हैं.