दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर हां और ना के बीच आखिरकार कांग्रेस ने सभी सात सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं. जिसका ऐलान कुछ देर में कर दिया जाएगा. इसके साथ ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की संभावनाएं खत्म हो गई हैं.
दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने शुक्रवार को बयान जारी कर बताया कि कांग्रेस सातों सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी, जिसमें से चार सीटें फाइनल कर दी हैं. साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि आम आदमी पार्टी(AAP) के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. अगर दिल्ली में AAP आज भी गठबंधन के लिए तैयार है तो हम तैयार हैं, लेकिन बाकी राज्यों की स्थिति अलग है.
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के मुताबिक, AAP सांसद संजय सिंह से कांग्रेस ने बातचीत में 3 सीटें मांगी थीं. हम समझौता चाहते थे, लेकिन AAP पीछे हट गई. दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन नहीं होने के लिए AAP को जिम्मेदार ठहराया.
चाको के मुताबिक, AAP ने गठबंधन पर प्रैक्टिकल फैसला नहीं लिया, इसलिए अब कांग्रेस सातों सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
PC Chacko, Congress: AAP wanted to have an alliance in other states also which is not practical. Every state is different; we will announce the seats tomorrow or day after tomorrow. If they are ready for an alliance in Delhi with Congress, we are ready even today. pic.twitter.com/orFer3r6Kq
— ANI (@ANI) April 12, 2019
सूत्रों की मानें तो पूर्वी दिल्ली सीट से शीला दीक्षित, नई दिल्ली से अजय माकन, पश्चिम दिल्ली से महाबल मिश्रा, उत्तर पूर्वी दिल्ली से जेपी अग्रवाल, उत्तर पश्चिमी दिल्ली से राजकुमार चौहान,दक्षिणी दिल्ली से ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और चांदनी चौक से कपिल सिब्बल कांग्रेस उम्मीदवार होंगे.
बता दें कि गुरुवार कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हरियाणा और दिल्ली में उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर लिए गए हैं. इस बैठक में दिल्ली के सभी सातों सीट के नाम तय कर लिए गए हैं, जिन पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंजूरी दे दी है. माना जा रहा है कि इसकी घोषणा शुक्रवार की जा सकती है.
कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि कांग्रेस दिल्ली छोड़कर किसी अन्य राज्य में गठबंधन नहीं करेगी. जबकि आम आदमी पार्टी चाहती थी कि दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब में भी वह गठबंधन का हिस्सा बने.
कांग्रेस में एक गुट था जो आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में था. जबकि दूसरा पक्ष किसी भी हाल में गठबंधन नहीं चाहता और कांग्रेस के अकेले चुनाव मैदान में उतरने की बात कर रहा था. राहुल गांधी को भी इस बात से अवगत कराया गया था.