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गुजरात: नवसारी लोकसभा सीट का सियासी समीकरण

Navsari loksabha seat इस लोकसभा सीट पर मतदाताओं का सबसे बड़ा तबका बाहरी वोटरों का है. यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र से आए वोटरों की संख्या लगभग पचास फीसदी है.

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Navsari Loksabha
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नवसारी लोकससभा क्षेत्र नवसारी और सूरत जिले के अंतर्गत आती है. राजनीतिक तौर पर यह सीट काफी हलचल वाली मानी जाती है. हालांकि, यह सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद ही वजूद में आई. अब तक इस सीट पर हुए दोनों चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली है और चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल दो बार से यहां से सांसद बन रहे हैं.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

इस सीट पर पहला चुनाव 2009 में हुआ. हालांकि, इस आम चुनाव में कांग्रेस ने दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाई, लेकिन पहली बार ही इस सीट पर हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को विजय प्राप्त हुई. बीजेपी उम्मीदवार चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल ने कांग्रेस के धनसुख राजपूत को मात दी. उन्होंने करीब 13 हजार मतों से धनसुख को हराया. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मोदी लहर के सामने कांग्रेस बाजी नहीं मार सकी. चंद्रकांत पाटिल ने दूसरी बार इस सीट से मैदान मारा और कांग्रेस के टिकट पर लड़े मकसूद मिर्जा को करीब 56 हजार मतों के भारी अंतर से शिकस्त दी.

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सामाजिक ताना-बाना

इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुसलमानों की खासी आबादी है, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस सीट पर करीब 2 लाख से ज्यादा मुसलमान मतदाता हैं. जबकि करीब 15 फीसदी वोटर कोली समाज से आते हैं. इस लोकसभा सीट पर मतदाताओं का सबसे बड़ा तबका बाहरी वोटरों का है. यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र से आए वोटरों की संख्या लगभग पचास फीसदी है.

इस लोकसभा सीट के अंतर्गत लिंबायत, चोरयासी, गांडेवी, उधना, जालापोर, मजुरा और नवसारी विधानसभा सीट आती हैं. जालापोर से बीजेपी, नवसारी से बीजेपी, गांडेवी से बीजेपी, लिंबायत से बीजेपी, उधना से बीजेपी, मजुरा से बीजेपी और चोरयासी से बीजेपी को जीत मिली थी.

2014 का जनादेश

चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल, बीजेपी- 8,20,831 वोट (70.7%)

मकसूद मिर्जा, कांग्रेस- 262,715 (22.6%)

2014 चुनाव का वोटिंग पैटर्न

कुल मतदाता-   17,64,622

पुरुष मतदाता-   9,72,090

महिला मतदाता-   7,92,532

मतदान-      11,60,747 (65.8%)

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

1955 में महाराष्ट्र के जलगांव में जन्मे सीआर पाटिल 1989 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े. संगठन में लंबे समय तक काम करने के बाद उन्हें 2009 में वलसाड जिले का प्रभारी बनाया गया और इसी साल उन्हें नवसारी लोकसभा सीट से टिकट दिया गया, जिसमें वह जीत गए. 2014 में सीआर पाटिल दूसरी बार इस सीट से सांसद बने.

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लोकसभा में उपस्थिती की बात की जाए तो उनकी मौजूदगी 91 फीसदी रही है, जो कि औसत से बेहतर है. बहस के मामले में भी उनका प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 6 बार बहस में हिस्सा लिया है. सवाल पूछने के मामले में वह औसत से बेहतर रहे हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कुल 292 सवाल पूछे हैं. 6 बार उन्होंने प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश किया है.

सांसद निधि से खर्च के मामले में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. उनकी निधि से जारी 22.60 करोड़ रुपये का वह लगभग शत प्रतिशत विकास कार्यों पर खर्च करने में कामयाब रहे हैं.  

संपत्ति की बात की जाए तो एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, वह देश के सबसे 10 अमीर सांसदों में आते हैं. उनकी कुल संपत्ति करीब 74 करोड़ रूपये से ज्यादा की है.

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