महबूबनगर लोकसभा सीट तेलंगाना के महबूबनगर जिले में है. महबूबनगर जिला हैदराबाद के छठे निजाम मीर महबूब अली खान के समय में बना था और उन्हीं के नाम पर इस जिले का नाम भी पड़ा. 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार यहां की 80 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है और करीब 20 फीसदी आबादी शहरी इलाकों में है. महबूबनगर लोकसभा सीट से टीआरएस के ए.पी. जितेंद्र रेड्डी सांसद हैं. कभी कांग्रेस का गढ़ रही इस लोकसभा सीट पर दो बार से टीआरएस जीत रही है और आज यहां सभी विधानसभा सीटों पर भी टीआरएस के ही विधायक हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
महबूबनगर लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आई थी. तब यह आंध्र प्रदेश का हिस्सा हुआ करती थी. शुरुआत से ही यह कांग्रेस का मजबूत गढ़ रही है. कांग्रेस ने यहां हुए 16 आम चुनावों में से 10 में जीत हासिल की है. हालांकि, बीच-बीच में तेलंगाना प्रजा समिति, भारतीय जनता पार्टी और जनता पार्टी के उम्मीदवार भी यहां से जीत हासिल करते रहे हैं. तेलंगाना आंदोलन के समय यहां से तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति के फाउंडर के. चंद्रशेखर राव जनता के प्रतिनिधि थे. इस सीट से सबसे ज्यादा- चार बार दो सांसद चुने गए. इनमें से एक जे. रामेश्वर हैं, जो तीन बार कांग्रेस के टिकट पर और एक बार तेलंगाना प्रजा समिति के टिकट पर चुनाव जीते. इनके अलावा डॉ. मल्लिकार्जुन भी चार बार सांसद चुने गए, तीन बार कांग्रेस के टिकट पर और एक बार कांग्रेस (इंदिरा) के टिकट पर. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी भी 8वीं और 12वीं लोकसभा में यहीं से चुने गए थे.
सामाजिक ताना-बाना
2011 की जनगणना के मुताबिक यहां 15.32 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है और 8.66 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति है. महबूबनगर लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें- कोडंगल, नारायनपेट, महबूबनगर, जाडचेरला, देवरकाडरा, मकथाल और शादनगर हैं. इन सातों सीटों में से एक भी सीट समाज के पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित नहीं है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में सातों सीटें टीआरएस के हिस्से में आई थीं. महबूबनगर में पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर है. यहां पर पुरुष मतदाता 7,09,711 और 7,08,961 महिला मतदाता यानी कुल 14,18,672 मतदाता हैं. इस सीट पर वोटरों का टर्नआउट भी अच्छी संख्या में रहता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में 70 फीसदी से ज्यादा टर्नआउट रहा था.
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से टीआरएस के ए.पी. जितेंद्र रेड्डी को जीत मिली थी. उन्होंने काफी करीबी मुकाबले में कांग्रेस के जयपाल रेड्डी को करीब 2,500 वोटों के अंतर से मात दी थी. जितेंद्र रेड्डी को 32.94 फीसदी यानी 3,34,228 वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस के जयपाल रेड्डी को 32.68 फीसदी यानी 3,31,638 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर भाजपा के नागम जनार्दन रेड्डी रहे थे. उन्हें 26.88 फीसदी यानी 2,72,791 वोट मिले थे. वहीं, 2009 के लोकसभा चुनाव में टीआरएस ने कांग्रेस के हाथ से यह सीट हासिल की थी. टीआरएस के सीट से यहां के. चंद्रशेखर राव लड़े थे. उन्होंने कांग्रेस के डी. विट्टल राव को करीबी मुकाबले में करीब 20 हजार वोटों के अंतर से मात दी थी. के. चंद्रशेखर राव को 3,66,569 वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस के विट्टल राव को 3,46,385 वोट मिले थे.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
महबूबनगर के सांसद जितेंद्र रेड्डी की सदन में उपस्थिति काफी अच्छी रही है. उनकी मौजूदगी 87 फीसदी दर्ज की गई जो कि राष्ट्रीय औसत- 80 फीसदी और तेलंगाना के सांसदों के औसत- 69 फीसदी से ज्यादा है. बहस करने के मामले में भी उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. इस दौरान उन्होंने 91 बहसों में हिस्सा लिया. जबकि इस मामले में राष्ट्रीय औसत 65.3 बहसों का है और राज्य का औसत 38.2 का है. सवाल उठाने के मामले में उनका प्रदर्शन औसत रहा. उन्होंने अपने कार्यकाल में सदन में 189 सवाल पूछे. राष्ट्रीय औसत 285 सवालों का है और राज्य का औसत 285 सवालों का है. हां, प्राइवेट मेंबर बिल लाने के मामले में वह काफी आगे रहे हैं. उन्होंने सात प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए, जबकि इस मामले में राष्ट्रीय और राज्य का औसत 2.2 बिल का रहा है. जितेंद्र रेड्डी को उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 17.5 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे. जो कि ब्याज की रकम मिलाकर 20.43 करोड़ हो गई थी. इसमें से उन्होंने 18.65 यानी मूल आवंटित फंड का 104.59 फीसदी खर्च किया. उनका करीब 1.77 करोड़ रुपये का फंड बिना खर्च किए रह गया.