बिहार की अररिया लोकसभा सीट पर 12 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होना है. अररिया लोकसभा सीट पर इस बार आरजेडी और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला है. आरजेडी ने इस बार भी बाहुबली तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम पर दांव लगाया है. वहीं, बीजेपी से प्रदीप कुमार सिंह फिर से चुनावी मैदान में हैं. बहुजन समाज पार्टी, बहुजन मुक्ति पार्टी, बिहार लोक निर्माण दल के साथ सात निर्दलीय भी चुनाव मैदान में हैं.
लोकसभा चुनाव अपडेट्स
-अररिया लोकसभा सीट पर 62.38 प्रतिशत वोटिंग हुई है, हालांकि बिहार में मतदान का औसत प्रतिशत 59.97 रहा. 2014 में इस लोकसभा सीट पर 60.44 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. इस लिहाज से पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार 2 प्रतिशत ज्यादा लोगों ने वोट डाला.
- 3 बजे तक बिहार में 46.94 फीसदी मतदान हो चुका है.
Estimated voter turnout till now for the 3rd phase of the #LokSabhaElections2019 is 51.15%. Voting for 116 parliamentary constituencies across 13 states and 2 union territories is being held today. pic.twitter.com/mV9g0JmSq1
— ANI (@ANI) April 23, 2019
-दोपहर 1 बजे तक अररिया में 35.93 फीसदी मतदान हो चुका है. वहीं देश में तीसरे चरण में कराए जा रहे मतदान में 117 संसदीय सीटों पर अब तक 37.89 फीसदी मतदान हो चुका है.
- सुबह 9 बजे तक अररिया में 10.00 फीसदी मतदान हो चुका है.
प्रचार के दौरान ऐसा रहा माहौल
अररिया लोकसभा सीट पर 28 मार्च को नॉमिनेशन भरने के बाद से इलाके में राजनीतिक दलों का प्रचार शुरू हो गया था. अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए राजनीतिक दलों के दिग्गजों ने रैली और सभाओं को आयोजन किया. मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार थमा तो प्रत्याशियों ने घर-घर जाकर संपर्क किया. प्रत्याशियों की मेहनत क्या रंग लाती है, ये तो 23 मई को पता लगेगा.
उम्मीदवारों के प्रोफाइल के बारे में पढ़ें- अररिया: बाहुबली परिवार की बचेगी सल्तनत या फिर खिलेगा कमल?
देश में 17वीं लोकसभा के लिए 543 लोकसभा सीटों के लिए 7 चरणों में मतदान होना है. 10 मार्च को लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा हुई थी. 28 मार्च को इस सीट के लिए नोटिफिकेशन निकला, 4 अप्रैल को नॉमिनेशन की अंतिम तारीख और 5 अप्रैल को उम्मीदवारों द्वारा दिए गए शपथपत्रों की स्क्रूटनी हुई. नाम वापसी की अंतिम तारीख 8 अप्रैल थी. लोकसभा चुनाव 2019 के तीसरे चरण में 14 राज्यों की 117 लोकसभा सीटों पर मतदान कराया गया.
इस लोकसभा सीट के बारे में और जानने के लिए पढ़ें- अररिया लोकसभा सीट: आरजेडी के M-Y समीकरण की काट निकाल पाएगा एनडीए?
अररिया सीमांचल क्षेत्र का हिस्सा है और यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है. 45 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम और यादव मतदाता यहां हैं. मुस्लिम और यादव वोटों के समीकरण से यहां आरजेडी के तस्लीमुद्दीन ने 2014 में जीत हासिल की.
2014 के लोकसभा चुनाव में अररिया सीट पर आरजेडी ने फतह हासिल की थी जब मोहम्मद तस्लीमुद्दीन ने बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह को हराया था. लेकिन तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई और मार्च 2018 में यहां उपचुनाव कराए गए. जिसमें आरजेडी के उम्मीदवार और तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम विजयी रहे. उपचुनाव में आरजेडी के सरफराज आलम ने बीजेपी के प्रदीप सिंह को 61,788 मतों के बड़े अंतर से हराया.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
इस सीट के इतिहास पर अगर नजर डालें तो 1967 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के तुलमोहन सिंह ने चुनाव जीता. इसके बाद फिर 1971 के चुनाव में भी वे विजयी रहे. 1977 में यहां से भारतीय लोक दल के महेंद्र नारायण सरदार विजयी रहे. इसके बाद 1980 और 1984 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के डुमर लाल बैठा के हाथ जीत लगी. इसके बाद के तीन चुनावों 1989, 1991 और 1996 में जनता दल के टिकट पर सुखदेव पासवान इस सीट से जीतकर दिल्ली गए. 1998 में बीजेपी के रामजी दास ऋषिदेव जीते. फिर 1999 के चुनाव में सुखदेव पासवान आरजेडी के टिकट पर जीते. लेकिन 2004 के चुनाव में सुखदेव पासवान बीजेपी के खेमे से उतरे और फिर इस सीट पर कब्जा किया.
2009 के चुनाव में बीजेपी ने प्रदीप कुमार सिंह को उतारा और ये सीट जीतने में फिर कामयाब रही. 2014 के चुनाव में आरजेडी ने इस सीट से मोहम्मद तस्लीमुद्दीन को उतारा. मुस्लिम-यादव वोटों के समीकरण से तस्लीमुद्दीन इस सीट को जीतने में कामयाब रहे. उनके निधन के बाद फिर मार्च 2018 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें आरजेडी के टिकट पर तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम बीजेपी-जेडीयू उम्मीदवार को हराने में कामयाब रहे.
इस सीट का समीकरण
अररिया सीट आजादी के बाद के शुरुआती दशकों में कांग्रेस का गढ़ बनी रही. इसके बाद जनता दल और फिर बीजेपी ने यहां से जीत हासिल की. वर्तमान हालात में एमवाई समीकरण के कारण आरजेडी की यहां काफी मजबूत स्थिति है. अररिया में वोटरों की कुल संख्या 1,311,225 है. इसमें से महिला मतदाता 621,510 और पुरुष मतदाता 689,715 हैं.
विधानसभा सीटों का समीकरण
अररिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं- नरपतगंज, रानीगंज(सुरक्षित), फारबिसगंज, अररिया, जोकिहाट और सिकटी. जिसमें से 4 पर NDA काबिज है वहीं 1 सीट कांग्रेस और एक आरजेडी के पास है.
2018 उपचुनाव का नतीजा
मार्च 2018 के उपचुनाव में अररिया लोकसभा सीट पर कुल सात उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे थे. लेकिन सीधा मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल के सरफराज आलम और भाजपा-जेडीयू के संयुक्त उम्मीदवार प्रदीप सिंह के बीच माना जा रहा था. भाजपा के प्रदीप सिंह को 447546 वोट मिले और राजद प्रत्याशी सरफराज आलम को 509334 वोट मिले. सरफराज आलम 61788 वोटों से ये चुनाव जीत गए.
2014 चुनाव का जनादेश
इससे पहले साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से दूरी बनाकर जेडीयू ने अकेले चुनाव लड़ा था. इन हालात में मोदी लहर के बावजूद तस्लीमुद्दीन चुनाव जीत गए थे. तस्लीमुद्दीन को 41 प्रतिशत वोट मिले थे. इस चुनाव में आरजेडी के तस्लीमुद्दीन को 407978, बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह को 261474, जेडीयू के विजय कुमार मंडल को 221769 और बीएसपी के अब्दुल रहमान को 17724 वोट मिले थे. वहीं, साल 2009 के लोकसभा चुनाव में 282742 वोट हासिल कर बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह जीते थे. एलजेपी के जाकिर हुसैन खान को 260240 और कांग्रेस के शकील अहमद खान को 49649 मत मिले थे.यी उम्मीदवार कांग्रेस की रंजीत रंजन को 332927 वोट हासिल हुए. नंबर दो पर रहे जेडीयू के दिलेश्वर कमैत जिन्हें 273255 वोट मिले. तीसरे स्थान पर रहे बीजेपी के उम्मीदवार कामेश्वर चौपाल को 249693 वोट मिले.
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