लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण में 12 राज्यों की 95 सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान किया गया. इन 12 राज्यों में से एक बिहार की 5 सीटों पर औसत 62 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. वहीं प्रदेश की भागलपुर लोकसभा संसदीय सीट पर 58.20 फीसदी मतदान किया गया. यहां पर 2014 में 57.80 फीसदी मतदान हुआ था.
लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण के फेज में 97 सीटों पर चुनाव होना था लेकिन 2 सीटों पर चुनाव निरस्त होने के बाद 95 सीटों पर चुनाव हुआ. दूसरे चरण में 15.52 करोड़ वोटर्स हैं जिनमें से पुरुष वोटर्स की संख्या 7.89 करोड़, महिला वोटर्स की संख्या 7.63 करोड़ और थर्ड जेंडर के 11, 030 वोटर्स हैं. इस चरण में 1, 611 उम्मीदवारों का भविष्य दांव पर लगा है. मतदान के लिए कुल 1, 76, 441 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं.
बिहार की 40 में से 5 सीटों के लिए दूसरे चरण में मतदान हुआ. दूसरे चरण में कुल 85, 52, 274 वोटर्स हैं. इन 5 सीटों को जीतने के लिए 68 उम्मीदवार चुनाव मैदान पर हैं. मतदान के लिए 8, 644 पोलिंग स्टेशन बनाए गए.
भागलपुर लोकसभा सीट पर जनता दल युनाइटेड ने अजय कुमार मंडल, बहुजन समाज पार्टी ने मोहम्मद आशिक इब्राहिमी, राष्ट्रीय जनता दल ने शैलेश कुमार, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया कम्युनिस्ट ने दीपक कुमार, आम आदमी पार्टी ने सत्येंद्र कुमार और भारतीय दलित पार्टी ने सुशील कुमार दास को चुनाव मैदान में उतारा है. इसके अलावा अभिषेक प्रियदर्शी, नुरुल्लाह और सुनील कुमार बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे हैं.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां भारतीय जनता पार्टी के शाहनवाज हुसैन और आरजेडी के प्रत्याशी शैलेष कुमार मंडल के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली थी. इस चुनाव में 3 लाख 67 हजार 623 वोटों के साथ शैलेष कुमार मंडल विजयी घोषित किए गए थे. वहीं, शाहनवाज हुसैन को 3 लाख 58 हजार 138 वोट मिले थे और वो इस कड़े मुकाबले में हार गए थे. पिछले लोकसभा चुनाव में यहां कुल 57.21 फीसदी वोट पड़े थे.
इस चुनाव में मंडल को 37.74 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि शाहनवाज हुसैन को 36.76 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. पिछले चुनाव में इस सीट पर जेडीयू के अबु कैसर तीसरे स्थान पर रहे थे. उनको एक लाख 32 हजार 256 वोट मिले थे. अबु कैसर को मिले वोटों का प्रतिशत 13.58 रहा था. इस चुनाव में चौथे और पांचवें स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार थे, जबकि छठे स्थान पर नोटा था. पिछले चुनाव में 11 हजार 875 वोटरों ने नोटा बटन दबाया था.
इस बार जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) एनडीए में शामिल हो गई है. लिहाजा इस बार यह सीट एनडीए में बीजेपी की सहयोगी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के खाते में चली गई है. जेडीयू ने अजय कुमार मंडल को अपना उम्मीदवार बनाया है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सबसे युवा मंत्री रहे हुसैन ने 2009 आम चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल के शकुनी चौधरी को हराया था. इससे पहले 2006 उपचुनाव में भी हुसैन ने शकुनी चौधरी को शिकस्त दी थी.
चुनाव आयोग के मुताबिक भागलपुर में करीब 14 लाख 33 हजार 346 वोटर हैं. भागलपुर संसदीय क्षेत्र की कुल आबादी 30 लाख 32 हजार 226 है. यहां पहली बार साल 1951 में लोकसभा चुनाव हुए थे. उस समय दरभंगा और भागलपुर एक सीट ही थी. हालांकि बाद में परिसीमन में दोनों अलग-अलग हो गए. इसमें से कुछ पुराने क्षेत्र बाहर हो गए, तो कुछ नए क्षेत्र जुड़ गए.
नया भागलपुर संसदीय क्षेत्र बना उसमें बिहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती, कहलगांव, भागलपुर और नाथनगर विधानसभा सीटें शामिल हो गईं और सुलतानगंज व धरैया विधानसभा सीटों को निकाल दिया गया. इन दोनों विधानसभा सीटों को बांका संसदीय क्षेत्र में डाल दिया गया. साथ ही बिहपुर और गोपालपुर नए विधानसभा इलाकों को भागलपुर के तहत लाया गया. ये दोनों विधानसभा क्षेत्र पहले खगड़िया संसदीय क्षेत्र का हिस्सा थे.
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