लोकसभा चुनाव में हार के बाद कर्नाटक में पैदा हुए मतभेदों से जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार संकट में है. इस स्थिति से निपटने के लिए कांग्रेस के सीनियर नेता और राज्य प्रभारी केसी वेणुगपाल ने बेंगलूरु पहुंचकर डैमेज कंट्रोल शुरू किया है. दरअसल लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस के दो विधायकों की बीजेपी नेता एसएम कृष्णा से हुई भेंट ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी थी. गठबंधन की धुकधुकी बीजेपी नेताओं के बयानों ने भी बढ़ाई, जो कई मौकों पर लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य की सरकार गिरने की बात कहते रहे हैं.
राज्य विधानसभा चुनाव में 225 सीटों वाली विधानसभा में 104 सीटें जीतने पर भी बीजेपी सरकार से बाहर है. 78 सीटों वाली कांग्रेस ने 37 सीटों वाली जेडीएस को समर्थन देकर राज्य में सरकार बनवाई. इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की 28 में से बीजेपी ने 25 सीटें जीतीं, वहीं सत्ताधारी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को महज एक-एक सीट से ही संतोष करना पड़ा. एक सीट निर्दलीय को भी मिली.
छह मंत्री हटेंगे, नए चेहरों को मौका
कर्नाटक सरकार पर मंडरा रहे संकट को दूर करने के लिए कांग्रेस के राज्य प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने बेंगलूरु स्थित कुमार कृपा गेस्ट हाउस में बैठक बुलाई. जिसमें संकट से निपटने के लिए कुल छह मंत्रियों को हटाकर उनके स्थान पर नए चेहरों को लाने पर सहमति बनी है.
इस बैठक में मुख्यमंत्री के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार आदि नेता मौजूद रहे. दिनेश ने कहा कि अभी शाम को एक और मीटिंग होगी. अगले दिन (गुरुवार) कुछ फैसला हो सकता है. बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नेताओं की तरफ से गठबंधन को हार का कारण बताए जाने के बाद से अंदरखाने असंतोष की खबरें उभरकर सामने आईं. जिसके बाद कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी है.