अपनी पार्टी के लिए चुनाव मैदान तैयार करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को मोदी सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर जमकर हमला बोला. फारूक अब्दुल्ला ने आरएसएस पर राष्ट्रपति महात्मा गांधी की हत्या में लिप्त होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के कातिल आज दिल्ली में हुकूमत कर रहे हैं. श्रीनगर में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान उनका ये बयान सामने आया.
फारूक अब्दुल्ला का बयान
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘मारने वाले कौन थे उसको (महात्मा गांधी)? मारने वाले यही आरएसएस वाले जो आज धनधना रहे हैं वतन में... आज दिल्ली में हुकूमत जो कर रहे हैं वो वही हैं जो महात्मा गांधी के कातिल हैं.’ हालांकि ये पहला मौका नहीं जब उन्होंने इस मामले में आरएसएस पर निशाना साधा हो.
Farooq Abdullah, National Conference in Srinagar: Maarne wale kaun the usko (Mahatma Gandhi)? Maarne wale yahi RSS wale jo aaj dhandhana rahe hain saare vatan mein...Aaj Delhi mein hukumat jo kar rahe hain vo vahi hain jo Mahatma Gandhi ke kaatil hain. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/LmcGst1qXb
— ANI (@ANI) April 7, 2019
हाइवे सील किए जाने पर भड़के
इससे पहले फारूक अब्दुल्ला ने सुरक्षाबलों के लिए बारामूला-उधमपुर नेशनल हाइवे पर हफ्ते में 2 दिन ट्रैफिक बैन के फैसले का विरोध किया. उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया. फारूक ने कहा कि ट्रेडर्स फेडरेशन के अध्यक्ष ने मुझसे मिलकर कहा कि यह सड़क हमारी लाइफ लाइन है और इसे बंद करने से हमें नुकसान होगा. यह आदेश तानाशाही कानून की तरह है.
फारूक ने आगे कहा कि उन्हें सेना के आवागमन के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि इससे लोग प्रभावित ना हो. इस आदेश को वापस लिया जाना चाहिए.
Farooq Abdullah, National Conference: They should use trains if they want the Army to commute or travel at night, so that it doesn’t affect the people. The order should be withdrawn. https://t.co/0CLAI524D4
— ANI (@ANI) April 7, 2019
बता दें कि बारामूला-उधमपुर नेशनल हाइवे हफ्ते में दो दिन बंद रहने का फैसला 7 अप्रैल यानि रविवार से प्रभावी हो गया है. इसके तहत उत्तरी कश्मीर के बारामूला, श्रीनगर, काजीकुंड, जवाहर टनल और बनिहाल से उधमपुर जाने वाले रास्ता सुरक्षा बलों के काफिले के कारण बंद रहेगा. यह फैसला बीते दिनों पुलवामा और जवाहर टनल के पास हुए वाहन धमाकों के चलते सुरक्षाबलों की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है.
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