चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को बड़ा झटका दिया है. आयोग ने दोनों को उनके भाषण पर नोटिस थमाते हुए 24 घंटे में जवाब मांगा है.
चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भाषण के दौरान अली-बजरंग बली को लेकर दिए गए बयान पर और मायावती को मुस्लिम मतदाताओं से की गई अपील को लेकर नोटिस थमाया है.
पीएम मोदी की रैली वाले भाषण की हो रही जांच
इसके अलावा चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रैली में बालाकोट के नाम पर वोट मांगे जाने के मुद्दे पर भी रिपोर्ट की जांच कर रहा है. यही नहीं, आयोग ने नमो टीवी को लेकर भी कानूनी सलाह ली है और अन्य कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रहा है.
क्या बोले थे योगी आदित्यनाथ?
बता दें कि मेरठ की जनसभा में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का अली में विश्वास है, तो हमारा बजरंगबली में विश्वास है. उन्होंने कहा था कि मायावती ने रैली में कहा कि वह सिर्फ मुस्लिम वोटरों का वोट चाहती हैं.
इसके बाद उन्होंने आजतक से खास बातचीत में कहा था कि जिस तरह मायावती ने मुस्लिमों के लिए वोट मांगे हैं, मुस्लिमों से कहा है कि वह सिर्फ गठबंधन के लिए वोट करें और अपना वोट बंटने ना दें. अब हिंदुओं के पास भारतीय जनता पार्टी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
मायावती ने मुसलमानों से की थी सीधी अपील
इससे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने देवबंद की रैली में मुसलमानों से वोट की सीधी अपील की थी. उन्होंने कहा था कि मुस्लिम किसी भी बहकावे में आकर अपने वोट को न बंटने दें, बल्कि बल्कि बसपा उम्मीदवार हाजी फजलुर्रहान के पक्ष में वोट करें.
उन्होंने गठबंधन के मंच से सहारनपुर के मुसलमानों को बार-बार सचेत करते हुए कहा था कि किसी भी सूरत में अपने वोट को बंटने नहीं देना है. कांग्रेस इस लायक नहीं है कि वो बीजेपी को टक्कर दे सके, जबकि महागठबंधन के पास मजबूत आधार है. ऐसे में अपने वोटों का बिखराव नहीं होने देना है और एकजुट होकर गठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में वोट करना है.
चुनाव आयोग ने सीएम योगी और मायावती को उनकी इन्हीं भाषणों के कारण नोटिस थमाया है और 24 घंटे में जवाब देने को कहा है. आयोग के इस कदम से अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोनों प्रमुख नेताओं की मुसीबत बढ़ सकती है.
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