लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में रणनीतियों पर मंथन जारी है. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है, यही कारण है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को राज्य की सबसे कठिन सीट से चुनाव लड़ने का न्योता दिया था. अब दिग्विजय सिंह ने भी उनके इस प्रस्ताव पर जवाब दिया है. दिग्विजय ने लिखा कि उन्होंने मुझे इसके लायक समझा इसके लिए मैं आभारी हूं.
धन्यवाद कमल नाथ जी को जिन्होंने मप्र में कॉंग्रेस की कमजोर सीटों पर लड़ने का आमंत्रण दिया। उन्होंने मुझे इस लायक समझा मैं उनका आभारी हूँ।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 18, 2019
सोमवार को दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा, ‘’धन्यवाद, कमलनाथ जी को जिन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमजोर सीटों पर लड़ने का आमंत्रण दिया, उन्होंने मुझे इस लायक समझा मैं उनका आभारी हूं.’’
उन्होंने लिखा, ‘’मैं राघौगढ़ की जनता की कृपा से 1977 की जनता पार्टी लहर में भी लड़ कर जीत कर आया था. चुनौतियों को स्वीकार करना मेरी आदत है, जहां से भी मेरे नेता राहुल गांधी जी कहेंगे मैं लोक सभा चुनाव लड़ने तैयार हूं. नर्मदे हर’’.मैं राघौगढ़ की जनता की कृपा से ७७ की जनता पार्टी लहर में भी लड़ कर जीत कर आया था। चुनौतीयों को स्वीकार करना मेरी आदत है। जहॉं से भी मेरे नेता राहुल गॉंधी जी कहेंगे मैं लोक सभा चुनाव लड़ने तैयार हूँ। नर्मदे हर।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 18, 2019
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही मीडिया से बात करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया था.
कमलनाथ ने कहा था कि मैंने दिग्विजय सिंह से आग्रह किया है कि अगर वह चुनाव लड़ना चाहते हैं तो वह किसी कठिन सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ें. भोपाल और इंदौर जैसी लोकसभा सीटों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2-3 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां से हम 30-35 साल से नहीं जीते हैं.
गौरतलब है कि अभी कांग्रेस की ओर से मध्यप्रदेश के लोकसभा उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया गया है. राज्य की 29 लोकसभा सीटों पर 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने 26 और कांग्रेस ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी. भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी अभी उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया गया है.
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, कांग्रेस के साथ कुछ अन्य दलों का समर्थन भी है. कांग्रेस ने यहां पिछले 15 साल से जारी भारतीय जनता पार्टी के साशन को मात दी थी.