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लोकसभा चुनाव में इलेक्शन टूरिज्म: PM मोदी, प्रियंका की सबसे ज्यादा डिमांड

लोकसभा चुनाव 2019 में तकरीबन 90 करोड़ वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे. जिसे संपन्न कराने के लिए बहुत बड़ी मशीनरी काम करती है. इसके अलावा लाखों की संख्या में बूथों पर गतिविधियां होती हैं. इतने बड़े पैमाने पर चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराना पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है. लेकिन इलेक्शन टूरिज्म के तहत सबसे ज्यादा मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के चुनावी कार्यक्रमों के लिए आ रही हैं.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

भारत के ऐतिहासिक शहर, प्राचीन धरोहरें, भोजन की विविधता और मन को मोह लेने वाले लैंडस्केप देशी-विदेशी सैलानियों के लिए मुख्य आकर्षण माने जाते हैं. लेकिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में होने वाला चुनाव भी किसी महाकुंभ से कम नहीं. जहां चुनावी सभाएं, नुक्कड़ नाटक, लोकगीत समेत तमाम चुनावी रंग की अपनी अलग ही पहचान है. ऐसे में जब देश में चुनावी बुखार चरम पर है, तो इस आकर्षण को भुनाने के लिए विभिन्न पर्यटन कंपनियां अपने टूरिस्ट पैकेज के साथ इलेक्शन टूरिज्म पैकेज भी ऑफर कर रही हैं. अगले दो महीने तमाम देशी-विदेशी पर्यटक देश के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों, धरोहरों की सैर तो करेंगे ही साथ ही चुनावी रंग का भी लुत्फ उठा सकेंगे.

गुजरात टूरिज्म डेवलपमेंट सोसाइटी के चेयरमैन मनीष शर्मा ने aajtak.in से बातचीत में बताया कि उन्होंने साल 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में एक प्रयोग के तौर पर इलेक्शन टूरिज्म की शुरूआत की थी. जिसमें 250-300 विदेशी/NRI पर्यटकों को चुनावी जनसभाओं में ले जाया गया. इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों के साथ वन टू वन मीटिंग भी कराई गई. शर्मा ने बताया कि इस प्रयोग को बेहद अच्छा रिस्पॉन्स मिलता देख, साल 2014 के आम चुनावों में उन्होंने उत्तर और पश्चिम भारत में इसका विस्तार किया.

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मनीष शर्मा ने बताया कि 2014 के आम चुनाव में लगभग 5000 देशी-विदेशी सैलानियों को इलेक्शन टूरिज्म के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, दिल्ली, लखनऊ, गुजरात और महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में चुनावी महापर्व में शामिल होने का मौका मिला. शर्मा का कहना है कि 2019 के आम चुनाव के लिए उनके पास काफी इंक्वायरी आई है. मनीष शर्मा इसकी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता को मानते हैं. प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा था कि आम चुनाव लोकतंत्र के महाकुंभ की तरह है.

गुजरात टूरिज्म डेवलपमेंट सोसाइटी के चेयरमैन मनीष शर्मा बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल होने के लिए काफी मांग आ रही है. इसके साथ ही दक्षिण भारत के बहुत से लोग कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के चुनावी कार्यक्रम देखने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के चुनावी कार्यक्रमों का लोग नजदीक से अनुभव लेना चाहते हैं.

इलेक्शन टूरिज्म के मॉडल के बारे में बताते हुए मनीष शर्मा कहते हैं कि जैसे दिल्ली में पर्यटकों का एक समूह दिन के समय में लालकिला, कुतुब मीनार की सैर करता है. इसके बाद शाम को किसी राजनीतिक दल की रैली का अनुभव लेता है. तो वहीं रात में डिनर के वक्त किसी राजनेता के साथ यह ग्रुप वन टू वन मीटिंग करेगा.

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मनीष ने बताया कि गुजरात में हम इलेक्शन टूरिज्म करा चुके हैं. जिसके बाद सभी दलों की तरफ से मांग आ रही है कि विदेशी सैलानी उनकी रैलियों में शामिल होते हैं तो जनसभा का आकर्षण बढ़ेगा. इस बार लोकसभा चुनाव में तकरीबन 90 करोड़ वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे. जिसे संपन्न कराने के लिए बहुत बड़ी मशीनरी काम करती है. इसके अलावा लाखों की संख्या में बूथों पर गतिविधियां होती हैं. इतने बड़े पैमाने पर चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराना पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है.

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