दिल्ली में बीजेपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के दो वोटर आईडी रखने से जुड़े मामले में तीस हजारी कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. तीस हजारी कोर्ट 13 मई को अपना फैसला सुनाएगा. कोर्ट में पूर्वी दिल्ली की आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी मार्लेना ने गंभीर के खिलाफ केस दायर किया है.
आतिशी ने अपनी याचिका में तीस हजारी कोर्ट को कहा है कि गंभीर को वोट देने का अधिकार नही है. लिहाजा, गंभीर को कोर्ट डिसक्वालिफाई करे. आतिशी के मुताबिक दो जगहों के वोटर आईडी कार्ड रखना जुर्म है. हालांकि कोर्ट आतिशी के तर्कों से संतुष्ट नहीं दिखा. सुनवाई के दौरान कोर्ट का कहना था कि दो वोटर आईडी कार्ड को लेकर चुनाव आयोग गौतम गंभीर के खिलाफ अर्जी डाल सकता है या कार्रवाई कर सकता है. लेकिन आतिशी जो खुद उसी जगह से दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं, कैसे गौतम गंभीर के खिलाफ केस डाल सकती हैं.
जबकि आतिशी के वकीलों ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को कहा कि नॉमिनेशन दायर करते समय उम्मीदवार शपथ लेता है. जिसमें उसके पास एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड नहीं रखने की भी बात होती है. रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट के मुताबिक भी एक शख्स एक ही जगह का वोटर आईडी कार्ड रख सकता है.
बहरहाल, अब यह मामला दिल्ली में चुनाव होने के बाद ही सुना जाएगा. दिल्ली में 12 मई को चुनाव होने हैं और कोर्ट आतिशी की अर्जी पर फैसला 13 मई को एक दिन बाद सुनाएगा. कोर्ट को यह फैसला करना है कि आतिशी की याचिका को स्वीकार किया जाए या फिर खारिज. अगर याचिका स्वीकार होती है तो इस मामले में गौतम गंभीर को समन किया जा सकता है या फिर उससे पहले कोर्ट दिल्ली पुलिस से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मंगवा सकती है. लेकिन फिलहाल इस मामले में गौतम गंभीर के लिए राहत की खबर है क्योंकि दिल्ली में चुनाव से पहले इस मामले में कोर्ट का कोई फैसला नहीं आएगा.
आतिशी मार्लेना के गौतम गंभीर के दो वोटर आईडी कार्ड के मामले को कोर्ट तक ले जाने के बाद बीजेपी की तरफ से भी अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के दो वोटर आईडी कार्ड होने को लेकर तीस हजारी कोर्ट में ही एक और अर्जी दाखिल की गई है. जिस पर कोर्ट ने चुनाव अधिकारियों को 3 जून के लिए तलब भी कर लिया है.
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