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लोकसभा चुनाव 2019: पांचवें चरण में यूपी की 12 में से सात सीटों पर बीजेपी को ​कड़ी टक्कर

लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में शामिल यूपी की 14 सीटों में से कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी और रायबरेली सीट के अलावा 12 सीटें हैं जो 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खाते में गई थीं. इन 12 सीटों में से सात सीटों पर महागठबंधन, भाजपा को कड़ी टक्कर दे रहा है.

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लोकसभा चुनाव का पांचवां चरण बीेजेपी और कांग्रेस के लिए काफी अहम है
लोकसभा चुनाव का पांचवां चरण बीेजेपी और कांग्रेस के लिए काफी अहम है

6 मई को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए मतदान होना है. इस चरण में उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर मतदान होंगे. इनमें कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी और रायबरेली सीट के अलावा 12 सीटें हैं, जो 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खाते में गई थीं. इन 12 सीटों में से सात सीटों पर महागठबंधन, भाजपा को कड़ी टक्कर दे रहा है.

2014 के वोटिंग ट्रेंड को देखते हुए कहा जा सकता है कि अगर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वोटर एक साथ आते हैं तो बहराइच, मोहनलालगंज, सीतापुर, कैसरगंज, कौशांबी, बांदा और धौरहरा- इन सात लोकसभा सीटों पर भाजपा पीछे रह सकती है.

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बहराइच सीट पर 2014 के मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी ने सपा प्रत्याशी को 95,590 वोटों से हराया था. लेकिन सपा और बसपा को मिले कुल वोटों को मिला दें तो मौजूदा भाजपा प्रत्याशी अक्षयबर लाल मुकाबले से बाहर हो जाएंगे.

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बहराइच से भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने हाल ही में भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. इस बार वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं जबकि सपा ने महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में शब्बीर अहमद बाल्मीकि को दोबारा मैदान में उतारा है.

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मोहनलालगंज सीट पर भाजपा सांसद कौशल किशोर दूसरी बार सत्ता हथियाने के लिए जोर लगा रहे हैं, लेकिन महागठबंधन यहां पर फायदे की ​स्थिति में है. यहां पर कौशल किशोर का मुख्य मु​काबला बसपा के सीएल वर्मा से है.

2014 के चुनाव में कौशल किशोर को 4,55,274, जबकि बसपा के आरके चौधरी को 3,09,858 वोट मिले थे. लेकिन सपा बसपा गठबंधन के बाद भाजपा के लिए यह मुकाबला आसान नहीं रह गया है.

कौशांबी में भाजपा का मुकाबला सपा उम्मीदवार से है. यहां पर 2014 में भाजपा के विनोद कुमार सोनकर ने 4.72 फीसदी यानी 42,900 वोटों से जीत हासिल की थी. इस बार विनोद कुमार का मुकाबला सपा के इंद्रजीत सरोज से है. बसपा के लिए पिछली बार जितने वोट पड़े थे, अगर उन्हें सपा के साथ मिला दें तो विनोद सोनकर के लिए वापसी मुश्किल होगी.

इसी तरह सीतापुर, बांदा, कैसरगंज और धौरहरा में भी भाजपा की राह आसान नहीं दिख रही है. हालांकि, सपा और बसपा गठबंधन के बावजूद भाजपा लखनऊ, गोंडा, फैजाबाद, बाराबंकी और फतेहपुर में मजबूत दिख रही है. इन सीटों पर भी 6 मई को ही मतदान होना है.

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चुनाव का पांचवां चरण कांग्रेस के लिए भी काफी अहम है. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अमे​ठी से और यूपीए की चेयरपर्सन सानिया गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ रही हैं. अमे​ठी में भाजपा राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दे रही है.

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हालांकि, राहुल गांधी ने 2014 में भाजपा की स्मृति ईरानी को 1,07,903 वोट से हराया था. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा और निकाय चुनाव में कांग्रेस का जनाधार खिसक गया. ईरानी इस बार फिर से भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं. 2014 में यहां कांग्रेस को 46.71, जबकि भाजपा को 34.38 प्रतिशत वोट मिले थे.

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