भागलपुर संसदीय क्षेत्र बिहार की कुल 40 सीटों में एक है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक भागलपुर में करीब 1,433,346 मतदाता हैं जिनमें 774,758 पुरुष और 658,588 महिला मतदाता हैं. पिछले साल 24 अप्रैल को चुनाव हुए थे जिनमें 18 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हुआ था. आरजेडी के शैलेष कुमार उर्फ बूलो मंडल ने बीजेपी के शाहनवाज हुसैन को हराया था. हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सबसे युवा मंत्री रहे हुसैन ने 2009 आम चुनावों में राजद के शकुनी चौधरी को हराया था. इससे पहले 2006 उपचुनाव में भी उन्होंने चौधरी को मात दी थी.
संसदीय क्षेत्र का इतिहास
इस संसदीय क्षेत्र की कुल आबादी 30,32,226 है. यहां सबसे पहले 1951 में लोकसभा चुनाव हुए थे. तब यह क्षेत्र दरभंगा और भागलपुर एक साथ मिला हुआ था. बाद में परिसीमन में दोनों इलाके अलग हो गए. कुछ पुराने क्षेत्र निकल गए तो नए क्षेत्र जुड़ गए. कुछ क्षेत्र खत्म हो गए. पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र एससी के लिए सुरक्षित क्षेत्र बन गया जो कि पहले सामान्य क्षेत्र था. जो नया भागलपुर संसदीय क्षेत्र बना उसमें बिहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती, कहलगांव, भागलपुर और नाथनगर शामिल हुए. पुराने ससंदीय क्षेत्र से सुलतानगंज और धरैया विधानसभा निकल गए. इन दोनों क्षेत्रों को बांका संसदीय क्षेत्र में डाल दिया गया. इसके साथ ही बिहपुर और गोपालपुर नए विधानसभा क्षेत्रों को भागलपुर में शामिल किया गया. ये दोनों विधानसभा क्षेत्र पहले खगड़िया संसदीय क्षेत्र में शामिल थे.
पिछले चुनाव का ब्योरा
2014 के चुनाव में बीजेपी के शाहनवाज हुसैन और आरजेडी के प्रत्याशी शैलेष कुमार मंडल के बीच सीधी टक्कर थी. इसमें मंडल विजयी रहे और उन्हें 3,67,623 वोट मिले. उपविजेता रहे शाहनवाज हुसैन को 3,58,138 वोट मिले. शाहनवाज हुसैन मात्र कुछ हजार वोटों से हारे थे. वोट प्रतिशत की बात करें तो मंडल को 37.74 प्रतिशत वोट मिले जबकि हुसैन को 36.76 प्रतिशत वोट हासिल हुए. तीसरे स्थान पर जेडीयू के अबु कैसर रहे थे जिन्हें 1,32,256 वोट मिले. उनका वोट प्रतिशत 13.58 प्रतिशत था. इस चुनाव में चौथे और पांचवें स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार थे. छठा स्थान नोटा को मिला था जिसके तहत 11,875 वोट दर्ज हुए. मंडल और हुसैन की टक्कर में बीजेपी के वोट आरजेडी की तरफ स्वींग हुए.
आरजेडी सांसद शैलेष मंडल का विवरण
शैलेष मंडल हिंदी विद्यापीठ से स्नातक हैं और उससे पहले की पढ़ाई देवघर (झारखंड) से पूरी की है. साल 2000 से 2010 तक वे बिहार विधानसभा के तीन बार सदस्य रहे. फिलहाल सांसद हैं और कोयला एवं इस्पात संबंधी स्थायी समिति के सदस्य हैं. 15 सितंबर 2014 से वे स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड्स) संबंधी समिति के भी सदस्य हैं.
शैलेष मंडल की संसदीय गतिविधि
मंडल की संसद में हाजिरी 77 प्रतिशत है. राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 80 प्रतिशत है. उन्होंने 50 डिबेट में हिस्सा लिया. डिबेट का राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़ा देखें तो यह 64.3 प्रतिशत है. मंडल ने संसद में 59 सवाल पूछे जबकि राष्ट्रीय स्तर पर संसदों का यह आंकड़ा 278 का है. संसद में मंडल की हाजिरी सबसे ज्यादा (94 प्रतिशत) मॉनसून सत्र में रही. इसके बाद शीत सत्र में वे सबसे ज्यादा (88 प्रतिशत) हाजिर हुए. मंडल ने तीन प्राइवेट मेंबर बिल भी पास कराए जिनके नाम हैं- हाईकोर्ट एट पटना (इस्टेब्लिशमेंट ऑफ ए परमानेंट बेंच एट भागलपुर) बिल 2016, कॉन्सिट्यूशन (अमेंडमेंट) बिल 2014 (आर्टिकल 171) और कॉन्सिट्यूशन (अमेंडमेंट) बिल, 2014 (आर्टिकल 243ए).
मंडल का सांसद निधि खर्च
भागलपुर संसदीय क्षेत्र के लिए 25 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित है. भारत सरकार ने कुल 17.50 करोड़ रुपए जारी किए. ब्याज के साथ यह राशि 19.71 करोड़ रुपए हुई. मंडल ने अपने क्षेत्र के लिए 25.30 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा जिसमें 17.96 करोड़ रुपए पास हुए. इसमें 16.04 करोड़ रुपए खर्च हुए. कुल राशि का 90.25 प्रतिशत हिस्सा खर्च हुआ और 3.67 प्रतिशत बचा रह गया.