scorecardresearch
 

बांका सीट: NDA की सत्ता विरोधी लहर का RJD को मिल सकता है फायदा

2014 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी प्रत्याशी जय प्रकाश नारायण यादव ने जीत हासिल की. उन्होंने पुतुल कुमारी को हराया. पुतुल कुमारी ने चुनाव तो निर्दलीय लड़ा लेकिन बाद में बीजेपी में शामिल हो गईं.

Advertisement
X
हार्दिक पटेल के साथ जयप्रकाश नारायण यादव (टि्वटर)
हार्दिक पटेल के साथ जयप्रकाश नारायण यादव (टि्वटर)

बांका बिहार के 40 लोकसभा क्षेत्रों में एक है. साल 2014 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रत्याशी जयप्रकाश नारायण यादव ने यहां से जीत दर्ज की. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार पुतुल कुमारी सिंह को हराया था. पुतुल कुमारी निर्दलीय सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह की धर्मपत्नी हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक बांका संसदीय क्षेत्र की कुल आबादी 2,034,763 है. इसका प्रशासनिक प्रभाग भागलपुर मंडल में पड़ता है. बिहार में आरजेडी फिलहाल अच्छी स्थिति में है लेकिन नीतीश कुमार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है. हालांकि बिहार में एनडीए नीत केंद्र सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर जरूर है जिसका असर बांका में देखने को मिल सकता है.

बांका के विधानसभा क्षेत्र

बांका संसदीय क्षेत्र में कुल छह विधानसभा क्षेत्र हैं. इन क्षेत्रों में बांका जिले के पांच और भागलपुर का एक विधानसभा क्षेत्र है. ये छह विधानसभा क्षेत्र हैं-सुल्तानगंज, अमरपुर, धोरैया, बांका, कटोरिया और बेलहर. धोरैया अनुसूचित जाति (एससी) सुरक्षित सीट है जबकि कटोरिया अनुसूचित जनजाति (एसटी) रिजर्व सीट है. बांका जिले में एसटी की आबादी 75 हजार से ज्यादा है.

Advertisement

जय प्रकाश नारायण का प्रोफाइल

1980-1985 और 1990-2004 तक बिहार विधानसभा के चार बार सदस्य रहे. इसके बाद 1990-195 तक बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे. 1995-2000 तक यादव बिहार सरकार में प्राथमिक और प्रौढ़ शिक्षा के मंत्री रहे. साल 2000 में वे बिहार सरकार में लघु सिंचाई मंत्री बनाए गए. चार साल बाद 2004 में वे चौदहवीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और जल संसाधन मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री बनाए गए. 10 साल बाद यादव 16वीं लोक सभा के लिए निर्वाचित हुए. 14 अगस्त 2014 में उन्हें प्राक्कलन समिति का सदस्य बनाया गया. 1 सितंबर 2014 से उन्हें कृषि संबंधी स्थायी समिति का सदस्य और गृह मंत्रालय के परामर्शदात्री समिति का सदस्य बनाया गया. 25 अगस्त 2015 को यादव को पंचायती राज विषय पर प्राक्कलन समिति की उप-समिति का सदस्य बनाया गया.

बांका का पूरा ब्योरा

बांका संसदीय क्षेत्र 3,020 वर्ग किमी में फैला है. यहां प्रखंड की संख्या 11 और 2 नगर निगम हैं. इस क्षेत्र में 2 हजार गांव आते हैं. साक्षरता 58.17 प्रतिशत और लिंग अनुपात 907 है.

2014 का चुनावी समीकरण

2014 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी प्रत्याशी जय प्रकाश नारायण यादव ने जीत हासिल की. उन्होंने पुतुल कुमारी को हराया. पुतुल कुमारी ने चुनाव तो निर्दलीय लड़ा लेकिन बाद में बीजेपी में शामिल हो गईं. यादव को 285150 वोट मिले थे जबकि पुतुल कुमारी को 275006 वोट. यादव को 31.711 प्रतिशत वोट मिले थे और पुतुल कुमारी को 30.58 प्रतिशत. इस चुनाव में नोटा के खाते में 9753 वोट दर्ज हुए जो कुल वोट का 1.08 प्रतिशत हिस्सा था. पुतुल कुमारी किसी पार्टी से चुनाव नहीं लड़ रही थीं इसलिए उनका कुछ वोट आरजेडी को ट्रांसफर हो गया और यादव जीत गए.

Advertisement

जयप्रकाश नारायण यादव की संसदीय गतिविधि

यादव की संसद में 88 प्रतिशत हाजिरी है. उन्होंने 194 डिबेट में हिस्सा लिया है. डिबेट में उन्होंने 162 सवाल पूछे. राष्ट्रीय स्तर पर सवालों का आंकड़ा 278 है. 2018 के मॉनसून सेशन में यादव की हाजिरी शत-प्रतिशत रही जबकि शीत सत्र में वे 88 प्रतिशत हाजिर रहे.  यादव ने दो प्राइवेट मेंबर बिल पास कराए. इनमें पहला है-कॉन्स्टियूशन (एससी) ऑर्डर (अमेंडमेंट) बिल 2014 और दूसरा है-कॉन्स्टियूशन (एसटी) ऑर्डर (अमेंडमेंट) बिल 2014. संसद में उनके कुछ सवाल गंगा नदी की सफाई, कोयला आवंटन, मनरेगा, नई रेल लाइन, न्यूनतम समर्थन मूल्य, पीएचडी सीट, काला धन आदि पर केंद्रित थे.

कौन थे दिग्वजिय सिंह

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज चल रहे जदयू नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह को अपनी पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर 2009 लोकसभा चुनाव में उन्होंने बांका संसदीय सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था और विजयी हुए थे. सिंह का इंगलैंड यात्रा के दौरान निधन हो गया था, जिसके बाद से यह सीट खाली हुई थी. 2010 में इस सीट पर उपचुनाव हुए और उनकी पत्नी पुतुल कुमारी निर्दलीय के टिकट पर जीत गईं.

यादव का सांसद निधि खर्च

बांका संसदीय क्षेत्र के लिए 25 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित है. भारत सरकार ने कुल 22.50 करोड़ रुपए जारी किए. ब्याज के साथ यह राशि 23.09 करोड़ रुपए हुई. यादव ने अपने क्षेत्र के लिए 32.41 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा जिसमें 25.63 करोड़ रुपए पास हुए. इसमें 18.23 करोड़ रुपए खर्च हुए. कुल राशि का 81.03 प्रतिशत हिस्सा खर्च हुआ और 4.86 प्रतिशत बचा रह गया.

Advertisement
Advertisement