लोकसभा चुनाव परिणाम आने से पहले एग्जिट पोल ने विपक्षी दलों की नींद उड़ा दी है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव परिणाम के बाद बनने वाले समीकरणों की तैयारियों में अभी से जुट गई हैं. 23 मई को नतीजे आने के बाद देश की मौजूदा राजनीति में कांग्रेस के लिए रणनीति बनाने का काम कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपा है.
राजस्थान के सीएम गहलोत 19 मई को आखिरी दौर का चुनाव खत्म होने के बाद से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और राजधानी का जोधपुर हाउस कांग्रेस की रणनीति का प्रमुख केंद्र बना हुआ है.
माना जा रहा है कि अशोक गहलोत को चुनाव परिणाम के बाद बनने वाली राजनीतिक परिस्थितियों पर नजर रखने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर यह जिम्मेदारी दी गई है. चूंकि अशोक गहलोत गांधी परिवार के बेहद भरोसेमंद हैं और राहुल गांधी भी उन पर विश्वास करते हैं, ऐसे में वो पर्दे के पीछे रहकर कांग्रेस के लिए रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. इससे पहले अशोक गहलोत ने कांग्रेस संगठन में महासचिव का पद संभालते हुए पंजाब, उत्तर प्रदेश और गुजरात में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अशोक गहलोत के दूसरे विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं से भी बेहद अच्छे संबंध हैं. चाहे वो चंद्रबाबू नायडू हो या फिर ममता बनर्जी या कुमारस्वामी. अशोक गहलोत सभी को साथ लेकर चलने में यकीन रखते हैं. जब अशोक गहलोत युवा कांग्रेस की कमान संभालते थे तो उसी वक्त से उनके दूसरे दलों के नेताओं से मधुर संबंध बन गए थे.
कांग्रेस सूत्रों की तरफ से यह भी कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत को राष्ट्रीय राजनीति में लाकर कांग्रेस राजस्थान में नया नेतृत्व पैदा करना चाहती है. हालांकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन खबरों को अफवाह बताया है और कहा है कि वो अभी राजस्थान की ही राजनीति करेंगे.