कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले 'आजतक' अपने पाठकों के लिए सबसे बड़ा ओपिनियन पोल लेकर आया है. इस पोल में किस पार्टी की सरकार बनेगी, मुख्यमंत्री कौन होगा, किस धर्म, क्षेत्र, जाति को किसका चेहरा पसंद है, जैसे कई सवालों पर जनता की राय जानी गई है. इस पोल में लोगों से पूछा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से बीजेपी को फायदा मिलेगा.
इस सवाल का जवाब देते हुए 52 फीसदी लोगों ने माना कि पीएम मोदी की ओर से सिद्धारमैया सरकार पर जो 10 फीसदी कमीशन का आरोप लगाया गया था उससे बीजेपी को फायदा मिलने जा रहा है. इसी सवाल का जवाब देते हुए 27 फीसदी लोगों ने माना कि पीएम के इस बयान बीजेपी को चुनाव में कोई फायदा होने वाला नहीं है.
कर्नाटक सरकार पर पीएम मोदी की ओर से लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप पर 20 फीसदी लोगों ने कहा कि वह इस बारे में कुछ कह नहीं सकते हैं. पीएम मोदी ने मैसूर की रैली में सिद्धारमैया सरकार पर कमीशन सरकार का आरोप लगाया था.
मोदी ने दिया ये बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि यहां रोज नए घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आ रहे हैं. मोदी ने यहां बीजेपी की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हाल में जब उन्होंने सिद्धारमैया सरकार पर 10 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाया तो उन्हें बहुत से लोगों के फोन आए जिन्होंने कहा कि उनके पास सही सूचना नहीं है और दावा किया कि यह कमीशन कहीं ज्यादा है. मोदी ने रैली में मौजूद लोगों से पूछा कि राज्य को कमीशन सरकार चाहिए या मिशन सरकार चाहिए.
'आजतक' के पोल में कांग्रेस सरकार में राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सीएम पद की पहली पसंद हैं. उन्हें 33 फीसदी लोगों ने सीएम के तौर पर अपनी पहली पसंद बताया है. वहीं बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को 26 फीसदी जनता ने सीएम के तौर पर पसंद किया है.
राज्य में 12 मई को वोटिंग
बता दें कि 225 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए 224 सीटों पर एक ही चरण में मतदान 12 मई को होगा. 15 मई को वोटों की गिनती की जाएगी. चुनाव आयोग के मुताबिक 17 अप्रैल से 24 अप्रैल तक नामांकन भरे जाएंगे. इसके बाद 25 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. वहीं 27 अप्रैल तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे.
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल 224 सीटों में से कांग्रेस ने 122 जीती थी. जबकि बीजेपी 40 और जेडीएस 40 सीटों पर कब्जा किया था. बीजेपी से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले बीएस येदियुरप्पा की केजेपी महज 6 सीटें जीत सकी थी. इसके अलावा अन्य को 16 सीटें मिली थी. हालांकि बाद में येदियुरप्पा दोबारा से बीजेपी के साथ आ गए.