कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला, लेकिन बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. चुनावी नतीजों से नया वोटिंग ट्रेंड सामने आया है. बीजेपी ने शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में बेहतर प्रदर्शन किया है. जबकि कांग्रेस शहरी सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही.
गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी शहरी सीटों पर जीत के जरिए ही सत्ता में वापस लौटी थी जबकि ग्रामीण सीटों पर कांग्रेस का दबदबा था. लेकिन कर्नाटक में इसका उलटा हुआ. कांग्रेस ने शहरी सीटों पर फोकस किया तो बीजेपी ने उसके ग्रामीण इलाके की सियासी जमीन अपने नाम कर ली.
राज्य में ग्रामीण क्षेत्र की 166 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से 74 सीटें बीजेपी को मिली हैं. जबकि कांग्रेस 57 सीटें ही जीत सकी. वहीं जेडीएस के खाते में 33 और 2 सीटें अन्य को मिली हैं.
कर्नाटक के शहरी क्षेत्र में 56 विधानसभा सीटें आती हैं. बीजेपी ने आधी से ज्यादा सीटें अपने नाम कर ली हैं. बीजेपी करीब 30 सीटें जीतने में सफल रही है, जबकि कांग्रेस को 20 सीटें और जेडीएस को 6 सीटें मिली हैं. कांग्रेस पिछले चुनाव में शहरी क्षेत्र में इतना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी थी.
बीजेपी को शहरी क्षेत्र के जनाधार वाली पार्टी कहा जाता रहा है. लेकिन कर्नाटक में बीजेपी ने इस मिथक को तोड़ दिया है. पार्टी ने शहरी क्षेत्र से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में बेहतर प्रदर्शन किया. इसके पीछे किसानों की भी अहम भूमिका रही.
कर्नाटक के 222 विधानसभा सीटों के आए नतीजों में 104 सीटें बीजेपी को मिली हैं. जबकि कांग्रेस को 78 सीटें और 37 सीटें जेडीएस के खाते में गई हैं. इसके अलावा 3 सीटें अन्य के खाते में गई हैं. पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में कांग्रेस को 44 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन अपने वोट फीसदी को बचाने में वो सफल रही है. जबकि बीजेपी के वोट फीसदी में भी बढ़ोतरी हुई है.