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क्या फेल हो रही है PM मोदी की 'डबल इंजन' थ्योरी? झारखंड ने भी नकारा

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब 2014 में बीजेपी को केंद्र की सत्ता मिली तो उस वक्त बीजेपी महज सात राज्यों में सरकार चला रही थी. इनमें से 2 राज्यों में बीजेपी गठबंधन सरकार में थी. राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गोवा में बीजेपी की अपने दम पर सरकार चल रही थी, जबकि पंजाब और आंध्र प्रदेश में वह गठबंधन में थी. वहीं, कांग्रेस 13 राज्यों में थी. लेकिन मार्च 2018 आते-आते बीजेपी और उसकी गठबंधन सरकार वाले राज्यों की संख्या 21 तक पहुंच गई.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस

  • 2014 से चढ़ने लगा था बीजेपी का ग्राफ
  • मार्च 2018 तक बनी 21 राज्यों में सरकार
  • लगातार सिकुड़ रहा बीजेपी का सियासी नक्शा

मई 2014 में देश की सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा डबल इंजन वाली सरकारी की थ्योरी पर जोर दिया. यानी केंद्र और राज्यों में एक ही दल की सरकार. पीएम मोदी अक्सर सार्वजनिक मंचों से अपने इस फॉर्मूले का जिक्र करते हैं और इसे विकास का अहम कारण बताते हैं. गैर-बीजेपी राज्य सरकारों पर पीएम मोदी विकास में रोड़े अटकाने के आरोप लगाते रहे हैं.

पीएम मोदी के इस डबल इंजन वाले सूत्र को राज्यों की जनता ने पसंद भी किया है और 2014 में केंद्र की सत्ता मिलने के बाद बीजेपी का परचम 21 राज्यों में बुंलद हुआ है. लेकिन अब ये ग्राफ सिकुड़ता जा रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि पीएम मोदी की डबल इंजन सरकार वाली थ्योरी क्या फीकी पड़ रही है.

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नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब 2014 में बीजेपी को केंद्र की सत्ता मिली तो उस वक्त बीजेपी महज सात राज्यों में सरकार चला रही थी. इनमें से 2 राज्यों में बीजेपी गठबंधन सरकार में थी. राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गोवा में बीजेपी की अपने दम पर सरकार चल रही थी, जबकि पंजाब और आंध्र प्रदेश में वह गठबंधन में थी. वहीं, कांग्रेस 13 राज्यों में थी. लेकिन मार्च 2018 आते-आते बीजेपी और उसकी गठबंधन सरकार वाले राज्यों की संख्या 21 तक पहुंच गई.

बढ़ता गया बीजेपी का कारवां

लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बीजेपी ने अपने दम पर या सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाई. सिक्किम में उसने अपनी मदद से सरकार बनवाई. 2016 में बीजेपी ने असम में इतिहास रचा और कांग्रेस के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया. इसके बाद 2017 में 7 राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए तो बीजेपी ने यूपी, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में सरकार बनाई, जबकि कांग्रेस ने पंजाब में अपना खाता खोला. नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में भी बीजेपी ने अपने सहयोग से कई सरकारें बनवाईं और इस तरह 2017 तक बीजेपी का वियजी रथ बिना किसी अवरोध के चलता रहा.

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2018 से गिरने लगा ग्राफ

साल 2018 की शुरुआत को बीजेपी के लिए अच्छी रही और पार्टी ने त्रिपुरा में सरकार बनाकर इतिहास रच दिया. हालांकि, इसके बाद बीजेपी के लिए बुरी खबर आने लगीं. मई 2018 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हुए. बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें जीतीं, लेकिन वह सरकार नहीं बना सकी और सत्ताधारी कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देकर सरकार बनवा दी. इसके बाद साल के आखिर में बीजेपी को सबसे बड़े झटके लगे. हिंदी पट्टी के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सत्ता खिसक गई और कांग्रेस सरकार बनाने में सफल रही. तेलंगाना में भी बीजेपी के हाथ कुछ नहीं लगा.

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2019 में केंद्र मिला, राज्य गए

इस साल अब तक 7 राज्यों में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड शामिल हैं. आंध्र में YSR कांग्रेस, ओडिशा में BJD, अरुणाचल में बीजेपी गठबंधन, सिक्किम में बीजेपी गठबंधन, हरियाणा में बीजेपी में बीजेपी गठबंधन और महाराष्ट्र में शिवसेना गठबंधन की सरकार बनी. झारखंड के नतीजे आज घोषित हो रहे हैं और अब तक रिजल्ट में बीजेपी की सत्ता खिसकती दिखाई दे रही है. इस तरह 2019 में हुए सात राज्यों के विधानसभा चुनाव में से बीजेपी को महाराष्ट्र और झारखंड के रूप में दो महत्वपूर्ण राज्य गंवाने पड़े हैं.

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यानी देश के नक्शे पर बीजेपी की सत्ता का खाली स्थान बढ़ता ही जा रहा है. ऐसा तब है जबकि केंद्र में बीजेपी 2014 से भी ज्यादा सीटों वाली सरकार चला रही है और नरेंद्र मोदी के हाथों में सत्ता की कमान है, जिन्हें मौजूदा राजनीति का सबसे बड़ा विजेता माना जाता है.

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