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Jharkhand Results: 2014 में 2 सीटों से हार चुके हैं बाबूलाल, इस बार बचा पाएंगे वजूद

2014 के विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मंराडी दो सीटों से उतरे थे. पहली सीट थी धनवार और दूसरी सीट थी गिरिडीह. धनवार विधानसभा क्षेत्र बाबूलाल मंराडी का पैृतक निवास भी है. वह धनवार सीट से चुनाव मैदान में हैं.

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झारखंड विकास मोर्चा के नेता बाबू लाल मरांडी
झारखंड विकास मोर्चा के नेता बाबू लाल मरांडी

  • झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे हैं बाबू लाल मरांडी
  • धनवार सीट से चुनाव मैदान में हैं जेवीएम प्रमुख

झारखंड विधानसभा की 81 सीटों पर मतगणना चल रही है. राज्य में पांच चरणों में मतदान 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक हुआ था. इस अहम चुनाव में कई दिग्गजों की किस्मत का भी फैसला होना है. इन दिग्गजों में एक नाम बाबूलाल मरांडी का भी है. 15 नवंबर 2000 को जब झारखंड का गठन हुआ था तो बाबूलाल मंराडी बीजेपी के नेता हुआ करते थे. उस दौरान उन्हें राज्य का पहला मुख्यमंत्री बनाया गया था. लेकिन 2006 में वे बीजेपी से अलग हो गए और झारखंड विकास मोर्चा (JVM) नाम से खुद की पार्टी का गठन किया. 2014 के विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मंराडी दो सीटों से उतरे थे. पहली सीट थी धनवार और दूसरी सीट थी गिरिडीह. धनवार विधानसभा क्षेत्र बाबूलाल मंराडी का पैृतक निवास भी है. वह धनवार सीट से चुनाव मैदान में हैं.

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दोनों सीटों पर मिली थी हार

वोटों के बंटवारे की वजह से बाबूलाल मंराडी धनवार सीट पर लगभग 11 हजार वोट से हार गए थे. हैरानी की बात ये थी कि इस सीट से सीपीआई (एमएल) के उम्मीदवार राजकुमार यादव ने जीत हासिल की थी. बाबूलाल मंराडी को इस सीट पर 39 हजार 922 वोट मिले थे और वे दूसरे नंबर पर रहे थे, जबकि जीत हासिल करने वाले सीपीआई (एमएल) उम्मीदवार को 50 हजार 634 वोट मिले थे. यहां से बीजेपी कैंडिडेट तीसरे स्थान पर रहे थे.

झारखंड चुनाव परिणाम पर विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्ल‍िक करें

धनवार सीट पर फिर दंगल

2014 की शिकस्त को भूलते हुए बाबूलाल मंराडी एक बार फिर से पुरानी सीट से ही मैदान में हैं. बता दें कि झारखंड विकास मोर्चा ने इस बार राज्य की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. जेवीएम का राज्य में किसी पार्टी से गठबंधन नहीं है. हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उनसे संपर्क साधने की कोशिश की थी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई.

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रघुवर दास की प्रतिष्ठा दांव पर

झारखंड की राजनीति इतनी कॉम्प्लेक्स है कि इस राज्य के गठन को 19 साल हुए हैं और छह नेता सीएम बन चुके हैं. झारखंड में अब तक रघुवर दास पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा करके नया इतिहास रचा है. जबकि, इससे पहले राज्य में बाबू लाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधू कोड़ा, हेमंत सोरेन सीएम बन चुके हैं. लेकिन इनमें से कोई भी मुख्यमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया था.

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2014 में BJP को कितनी सीटों पर मिली थी जीत?

झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं. झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा है. पिछली बार बीजेपी ने 72 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 37 सीटें पर जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी की सहयोगी आजसू ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी.

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