झारखंड के गढ़वा जिले की भवनाथपुर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी भानु प्रताप शाही और गढ़वा विधानसभा सीट से झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के प्रत्याशी मिथिलेश कुमार ठाकुर ने शानदार जीत दर्ज की है. बीजेपी नेता भानु प्रताप शाही ने अपने सबसे करीबी प्रतिद्वंदी और बहुजन समाज पार्टी की नेता सोगरा बीबी को 39,904 वोटों के बड़े अंतर से हराया है. यहां से पिछली बार भी भानु प्रताप शाही ने जीत दर्ज की थी. पिछली बार उनको 2,661 वोटों से जीत मिली थी.
वहीं, गढ़वा विधानसभा सीट पर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कब्जा जमाया है. उन्होंने अपने सबसे करीबी प्रतिद्वंदी और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सत्येंद्र नाथ तिवारी को 23,522 मतों से हराया है. इस चुनाव में मिथिलेश कुमार को 1,06,681 वोट मिले, जबकि सत्येंद्र नाथ तिवारी को महज 83,159 वोटों से संतोष करना पड़ा.
पिछली बार गढ़वा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सत्येंद्र नाथ तिवारी ने 21,755 सीटों से जीत दर्ज किया था. भवनाथपुर विधानसभा और गढ़वा विधानसभा सीट पर पहले चरण में 30 नवंबर को वोट डाले गए थे. झारखंड के भवनाथपुर और गढ़वा विधानसभा सीटें गढ़वा जिले में आती हैं.
झारखंड की सभी 81 विधानसभा सीट पर कुल पांच चरणों में विधानसभा चुनाव कराए गए थे. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने मिलकर चुनाव लड़ा है.
झारखंड चुनाव परिणाम पर विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
आपको बता दें कि 28 साल पहले एक अप्रैल 1991 में झारखंड के गढ़वा जिला का जन्म हुआ. पलामू के आठ प्रखंडों को मिलाकर इस जिले का निर्माण किया गया था. झारखंड के इस जिले की सीमाएं तीन राज्यों से मिलती हैं. ये राज्य हैं - उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़. राज्य के लोगों के लिए अगर दिल्ली या कोलकाता जाना है तो गढ़वा रोड रेलवे स्टेशन एक अच्छा माध्यम है.
झारखंड चुनाव परिणाम के अब तक के सभी अपडेट जानने के लिए यहां क्लिक करें
गढ़वा जिला पटना, रांची, रायपुर, कोलकाता, वाराणसी, अंबिकापुर, दुर्गापुर, जमशेदपुर, धनबाद, दिल्ली, लखनऊ, प्रयागराज, कोटा, कानपुर, रामानुजगंज और रेनूकूट से सीधे जुड़ा हुआ है. यह पलामू संभाग में आता है. यहां की आधिकारिक भाषा हिंदी और संथाली है. गढ़वा में आठ ब्लॉक हैं. ये हैं - गढ़वा, मेराल, रंका, भंडरिया, मझिआंव, नगर-उंटारी भवनाथपुर और धुरकी.
गढ़वा की राजनीति- राजद का दशकों पुराना किला भाजपा ने ध्वस्त किया
वर्ष 2000 में झारखंड राज्य बना. बिहार से अलग होकर नई गति से विकास की ओर आगे बढ़ने लगा. लेकिन जब गढ़वा बिहार राज्य में था, तब इस पर लालू प्रसाद की राजद की राजनीति चलती थी. यहां से ज्यादातर समय राजद के प्रतिनिधि ही विधायक होते थे. 1993 में जनता दल के गिरिनाथ सिंह विधायक बने. उन्होंने भाजपा के श्यामनारायण दुबे को हराया था. बाद में वर्ष 2000 तक गिरिनाथ सिंह यहां से विधायक रहे.
Jharkhand Election Results Live: नतीजों से पहले नेताओं ने किए जीत के दावे
साल 2005 में गिरिनाथ सिंह ने जदयू प्रत्याशी सिराज अहमद अंसारी को हराकर लगातार चौथी बार विधायक बने. 2009 में के चुनाव में पहली बार गिरिनाथ सिंह को झाविमो प्रत्याशी सत्येंद्रनाथ तिवारी ने हराया. इस हार के बाद भी गिरिनाथ सिंह को राजद का अध्यक्ष बनाया गया. 2014 में झाविमो छोड़कर भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे सत्येंद्रनाथ तिवारी ने गिरिनाथ सिंह को दोबारा हराया. इसके बाद मार्च 2019 गिरिनाथ सिंह राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.
गढ़वा जिले में साक्षरता दर 60.33 प्रतिशत
जनसंख्या गणना 2011 के अनुसार गढ़वा जिले की कुल आबादी 13.22 लाख से ज्यादा है. इनमें से 6.83 लाख से ज्यादा पुरुष और 6.39 लाख से ज्यादा महिलाएं हैं. लिंगानुपात 935/1000 है. गढ़वा जिले की 5.3 फीसदी आबादी ही शहरी इलाकों में रहती है. जबकि, 94.7 प्रतिशत लोग अब भी ग्रामीण इलाकों में ही रहते हैं. शहरी क्षेत्रों में साक्षरता दर 77.7 फीसदी है, जबकि गांवों में 59.3 फीसदी. कुल साक्षरता दर 60.33 फीसदी है. 59.27 प्रतिशत पुरुष और 38.85 फीसदी महिलाएं शिक्षित हैं.
गढ़वा की जातिगत गणित
अनुसूचित जातिः 319,946
अनुसूचित जनजातिः 205,874
गढ़वा में रहने वाले विभिन्न धर्मों के लोगों की आबादी
हिंदूः 1,104,475 (83%)
मुसलमानः 194,680 (14.72%)
ईसाईः 17,168 (1.3%)
सिखः 123 (0.01%)
बौद्धः 371 (0.03%)
जैनः 20 (0%)
अन्य धर्मः 4,591 (0.35%)
धर्म नहीं बतायाः 1,356 (0.1%)
गढ़वा में कामगारों की संख्या
गढ़वा की कुल आबादी में से 571,431 मुख्य कामगार हैं. यानी ये रोजगार में हैं या साल में 6 महीने से ज्यादा काम करते हैं. जबकि, 69.4 फीसदी लोग 6 महीने से कम काम करते हैं.
मुख्य कामगारः 175,126
खेतिहर किसानः 47,082
कृषि मजदूरः 57,365
घरेलू उद्योगः 4,283
अन्य कामगारः 66,396
सीमांत कामगारः 396,305
जो काम नहीं करतेः 751,353
धार्मिक और पर्यटक स्थल
गढ़वा की आराध्य देवी काली मां हैं. गढ़देवी मंदिर पूरे राज्य में विख्यात है. यहां हर रोज सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इसके अलावा सतबहिनी झरना है. यहां भी काफी संख्या में स्थानीय पर्यटक आते रहते हैं.