गुजरात चुनाव को लेकर बीजेपी से लेकर आम आदमी पार्टी तक, सभी बड़े-बड़े वादे कर जनता को लुभाने का काम कर रही हैं. इस चुनाव में किसान भी एक निर्णायक भूमिका निभाने वाले हैं. कई सीटों पर हार-जीत का अंतर किसान भी तय कर जाते हैं. ऐसे में उन्हीं किसानों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने बड़ा दांव चल दिया है. गुजरात सरकार की तरफ से किसानों के लिए 630.34 करोड़ का राहत पैकेज जारी किया गया है.
जिन किसानों को बारिश की वजह से भारी नुकसान हुआ है, उनके लिए इस राहत पैकेज से लाभ की बात की गई है. शुक्रवार को कैबिनेट की एक अहम बैठक कर सीएम भूपेंद्र पटेल ने इस फैसले को हरी झंडी दिखाई है. इस राहत पैकेज से सीधे-सीधे 14 जिलों के 2,554 गांवो के आठ लाख किसानों को फायदा पहुंचने वाला है. बताया जा रहा है कि सरकार ने पहले छोटाउदपुर, नर्मदा, पंचमहल, नवसारी, वलसाड जैसी कई जगहों पर एक सर्वेक्षण करवाया था. बारिश की वजह से हुए नुकसान की समीक्षा की गई थी और उसी के बाद ये राहत पैकेज देने का विचार हुआ.
जानकारी ये भी दी गई है कि किसानों को अगर सरकार का ये राहत पैकेज चाहिए तो इसके लिए उन्हें जरूरी दस्तावेज ई ग्राम केंद्रो पर ऑनलाइन जमा करवाने होंगे. इसके लिए उन्हें कोई भी आवेदन शुल्क देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब चुनावी मौसम में किसानों को दिए गए इस राहत पैकेज को काफी अहम माना जा रहा है. बीजेपी किसी भी कीमत पर किसान वोटबैंक पर अपनी मजबूत पकड़ रखना चाहती है. पार्टी की तरफ से लगातार किसानों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कई योजनाओं से उन्हें अवगत करवाया जा रहा है.
इसी वजह से पिछले महीने बीजेपी ने गुजरात में 'नमो खेडूत पंचायत' ( Namo Khedut Panchayat ) कार्यक्रम शुरू किया था. 'नमो खेडूत पंचायत' ( Namo Khedut Panchayat ) सभी जिलों में आयोजित की जा रही है. इसमें बीजेपी के सांसद सहित कई मंत्री भी शामिल हो रहे हैं. बीजेपी 'नमो खेडूत पंचायत' कार्यक्रम में उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के किसानों को लेकर किए जा प्रयासों से मुखातिब करा रहे हैं. किसानों को बताया जा रहा है कि बीजेपी किसानों को लेकर कितनी संजीदा है और किसानों के कल्याण के लिए क्या-क्या कदम उठा रही है.