
गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन सियासी उठापटक अभी से शुरू हो गई है. आलम ये है कि यहां आम आदमी पार्टी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच भिड़ंत की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. दरअसल, 2 दिन पहले आम आदमी पार्टी के 4 पार्षद सूरत महानगर पालिका के तहत संचालित स्कूल के प्रवेश उत्सव के कार्यक्रम में पहुंचे थे, वहां पहले से मौजूद गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कुमार भाई कानानी के सामने उन्होंने स्कूलों में शिक्षकों की कमी की आवाज उठाई. इसी बात को लेकर आम आदमी पार्टी के समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई हो गई.
आम आदमी पार्टी के धर्मेश भाई भंडेरी ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री की मौजूदगी में उनके पार्षदों और कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला किया गया, कई कारों की शीशे तोड़ दिए.धर्मेश भाई भंडेरी ने बताया कि भाजपा आम आदमी पार्टी की सक्रियता से डर गई है. इसी वजह से वह हमले करवा रही है.
जबकि गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री और वराछा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक कुमार भाई कानानी ने आम आदमी पार्टी के पार्षदों पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया था. आम आदमी पार्टी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई मारपीट को लेकर सूरत के कपोद्रा पुलिस थाने में दोनों पक्षों के खिलाफ मारपीट का मामला भी दर्ज किया गया है.
वहीं आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल भाई इटालिया की अगुवाई में रविवार को सूरत शहर के वनीता गेस्ट हाउस से कलेक्टर ऑफिस तक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने गोपाल इटालिया सहित सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया और रैली नहीं निकालने दी थी. रैली में शामिल आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता गुजरात सरकार के गृहराज्य मंत्री हर्ष संघवी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को लेकर कई विवादित पोस्टर बैनर लिए हुए थे.
सूरत महानगर पालिका में विपक्ष के नेता धर्मेश भाई भंडेरी ने बताया कि उनके कार्यकर्ताओं और नेताओं को पुलिस भाजपा के दबाव में उठा रही है. उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता को सस्ती शिक्षा और सस्ती बिजली देने की मांग आम आदमी पार्टी उठाती रहेगी. इसी मुद्दे को लेकर अरविंद केजरीवाल भी गुजरात के दौरे पर आएंगे.
भाजपा के सूरत शहर अध्यक्ष निरंजन भाई झांझमेरा ने कहा कि पुलिस अपने तरीके से काम करने के लिए स्वतंत्र है. पुलिस पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है. आम आदमी पार्टी के आरोप बेबुनियाद हैं. सूरत शहर भाजपा अध्यक्ष निरंजन भाई ने 2 दिन पहले सूरत के कापोद्रा इलाक़े में AAP और BJP कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट का हवाला देते हुए कहा कि अगर पुलिस पर दबाव होता तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस थाने में मारपीट का मामला दर्ज नहीं होता.