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अल्पेश कांग्रेस के लिए नए नहीं, फैमिली का इतिहास ही कांग्रेसी रहा है

अल्पेश ठाकोर गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस के लिए तारणहार बनने के लिए वापसी की है. जबकि  2012 के जिला पंचायत चुनाव में मांडल सीट अल्पेश कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर किस्मत अजमाई थी, लेकिन वह जीत नहीं सके. इतना ही नहीं 3 पहले भी वह कांग्रेस का फटका डालकर प्रचार कर रहे थे. अल्पेश ठाकोर के पिता खोड़ा जी ठाकोर कांग्रेस के अहमदाबाद के ग्रामीण जिला अध्यक्ष है.

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अल्पेश ठाकोर
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अल्पेश ठाकोर

गुजरात की सियासी जंग फतह करने के लिए कांग्रेस रणभूमि में उतर चुकी है. कांग्रेस राज्य में अपने 22 साल के सत्ता के वनवास को खत्म करने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात चुनाव जीतने के लिए तीन युवा चेहरों पर दांव लगाया है. इनमें सबसे पहले अल्पेश ठाकोर कांग्रेस के खेमे में आए हैं. कांग्रेस अल्पेश के लिए नई नहीं है, बल्कि वह कांग्रेसी गोद में पले बढ़े हैं. इस तरह अल्पेश की घर वापसी हुई है.

गुजरात में ओबीसी चेहरे के तौर पर पहचान बनाने वाले अल्पेश ठाकोर ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया. राहुल गांधी की मौजूदगी में अल्पेश कांग्रेस में शामिल हुए. उनकी कांग्रेस में दोबारा से वापसी हुई है. इससे पहले अल्पेश 2009 से 2012 तक कांग्रेस में रह चुके हैं.

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अल्पेश ठाकोर गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस के लिए तारणहार बनने के लिए वापसी की है. जबकि  2012 के जिला पंचायत चुनाव में मांडल सीट अल्पेश कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर किस्मत अजमाई थी, लेकिन वह जीत नहीं सके. इतना ही नहीं 3 पहले भी वह कांग्रेस का फटका डालकर प्रचार कर रहे थे. अल्पेश ठाकोर के पिता खोड़ा जी ठाकोर कांग्रेस के अहमदाबाद के ग्रामीण जिला अध्यक्ष है.

बता दें कि अल्पेश ने अपने राजनीतिक ग्रॉफ बढ़ाने के लिए सामाजिक आंदोलन की राह पकड़ी. उन्होंने राज्य के ओबीसी समुदाय के 146 जातियों को एकजुट करने का बीढ़ा उठाया और अवैध शराब के खिलाफ मुहिम छेड़ी.  

अल्पेश को इन जातियों का समर्थन उनकी नशा के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम से ही मिला है. कहा जाता है कि अल्पेश कांग्रेस के साथ आने के पहले बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके थे. पिछले साल एक रैली में उन्होंने यह ऐलान कर दिया था कि अगला मुख्यमंत्री बीजेपी से नहीं बल्कि हमारा होगा.

अल्पेश की राजनीतिक पृष्ठभूमि के बारे में बात की जाए तो उनके पिता खोड़ा ठाकोर कांग्रेस से हैं. इसके पहले वे शंकर सिंह वाघेला के साथ बीजेपी से जुड़े थे, लेकिन बाद में वाघेला के कांग्रेस छोड़ने के बावजूद ठाकोर कांग्रेस में बने रहे. अहमदाबाद के एंडला गांव के रहने वाले अल्पेश समाज सेवा के अलावा खेती और रियल एस्टेट का व्यवसाय करते हैं, उनका गांव हार्दिक पटेल के चंदन नगरी से कुछ ही किलोमीटर दूर है.

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पांच साल पहले अल्पेश तब सुर्ख़ियों में आए थे जब उन्होंने गुजरात क्षत्रिय-ठाकोर सेना का गठन किया था. यह संगठन नशा मुक्ति के लिए गुजरात में काम करता है. आज भी इस संगठन में 6.5 लाख लोग रजिस्टर्ड है.

हाल ही में अल्पेश ने एकता मंच की स्थापना की. जिसके अंतर्गत ओबीसी, एससी, एसटी समुदाय के लोगों को उन्होंने अपने साथ जोड़ा. मालूम हो कि गुजरात में 22 से 24 प्रतिशत ठाकोर समुदाय के लोग हैं.

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