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जब से ‘विकास पागल हो गया’, मां-बाप नाम रखने से भी बचने लगे

राजकोट के रहने वाले मेहुल गोहेल ने कहा, 'मेरे यहाँ बच्चे का जन्म हुआ. मैंने अपने दोस्तों का रिव्यू लिया कि बच्चे का नाम किया रखूं तो उन्होंने कहा कि विकास रख लो. फिर मैंने सोचा कि अभी जो सोशल मीडिया में जो ये चल रहा है. उसकी वजह से मैंने बच्चे का नाम विकास नहीं रखा.

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गुजरात में एक रैली का दृश्य
गुजरात में एक रैली का दृश्य

शाब्दिक नाम विकास आजकल चुनावी नारों में चाशनी की तरह घुल मिल गया है. हर राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए इसका इस्तेमाल कर रहा है. 'विकास' केंद्रित अलग प्रचार कार्यक्रमों ने इस शब्द को आम जनमानस में बदनाम कर दिया है. लोग अपने बच्चों के नाम विकास रखने से बौखलाए हुए हैं. आजकल लोगों ने नए जन्मे बच्चों का नाम विकास रखना कम कर दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब से विकास शब्द का इस्तेमाल करना शुरू किया है, तब से विकास शब्द बीजेपी के लिए ब्रांड की तरह बन गया है. आम लोग इस राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहता है. कई लोग कहते हैं कि विकास दिखाई नहीं दे रहा है, तो कोई कहता है कि देखो, विकास आ रहे हैं.

राजकोट महानगर पालिका में सुपरिटेंडेंट पी. वी. जोशी ने बताया कि लोगों ने बच्चों का नाम विकास रखना कम कर दिया है. 2016 के आंकड़ों के मुताबिक उस साल 34 हजार बच्चे रजिस्टर हुए हैं. इनमें 16 हजार बच्चे पुरुष हैं. अगर शाब्दिक नाम विकास की बात करें, तो इनका रेट बहुत कम हो गया है. 10 से भी कम बच्चों के नाम विकास रखे गए हैं.

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जोशी ने कहा कि 2017 में अब तक 28 हजार बच्चों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं. इनमें 16 हजार बच्चे पुरुष हैं, इनमें से केवल 7-8 बच्चों के नाम विकास रखे गए हैं. इन आंकड़ों से साफ है कि आम जनमानस अब 'विकास' से दूरी बना रहा है. वैसे तो नाम कई हैं, लेकिन बीजेपी के ब्रांड विकास से लोग दूर भागते नजर आ रहे हैं.

खुद बीजेपी के कई कार्यकर्ता अपने बच्चों का नाम विकास नहीं रखना चाहते हैं, आम लोगों की बात दूर की है. बता दें कि गुजरात चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'हूं छूं विकास... हूं छूं गुजरात यानी 'मैं ही विकास हूं... मैं ही गुजरात हूं' का नारा दिया तो वहीं कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव की शुरुआत में 'विकास थायो गांडो छे' यानी 'विकास पागल हो गया है' का नारा दिया.

राजकोट कांग्रेस के प्रमुख इंद्रनीत राजगुरु ने कहा कि लोग अपने बच्चों का नाम विकास नहीं रख रहे हैं, ये साफ हो गया है. लोगों को लगता है कि बच्चे का नाम विकास रखेंगे, तो वो जादूगर सा बन जाएगा और मां-बाप को सपने दिखाने लगेगा. विकास की इतनी बार रिपिटेशन हुई और विकास जैसा कुछ हुआ नहीं.

उन्होंने कहा कि पूरा गुजरात कह रहा है कि विकास पागल हो गया है. हमारे मुख्यमंत्री बोलते हैं कि 'मैं विकास हूं' तो ये लोगों को समझ नहीं आ रहा है. मोदी की जादूगरी गुजरात में पूरी हो गई है. बीजेपी को अपना एजेंडा बदलना पड़ा है. अब बोलते हैं कि हम विकास पर नहीं राष्ट्रवाद पर लड़ेंगे.

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साफ है कि आम लोग अपने जीवन में राजनीति नहीं लाना चाहते हैं. विकास नाम रखने से उनको लगता है कि बच्चा जब बड़ा होगा, तो वो सिर्फ एक मजाक बनकर रहकर जाएगा. गुजरात में सोशल मीडिया पर विकास गांडो थयो छे (विकास पागल हुआ है) चल रहा है. बीजेपी और कांग्रेस विकास केंद्रित अपने-अपने प्रचार में लगी है.

राजकोट के रहने वाले मेहुल गोहेल ने कहा, 'मेरे यहाँ बच्चे का जन्म हुआ. मैंने अपने दोस्तों का रिव्यू लिया कि बच्चे का नाम किया रखूं तो उन्होंने कहा कि विकास रख लो. फिर मैंने सोचा कि अभी जो सोशल मीडिया में जो ये चल रहा है. उसकी वजह से मैंने बच्चे का नाम विकास नहीं रखा.

राजकोट के ही रहने वाले कैलाश चूडास्मा ने कहा कि अपने बच्चे का नाम विकास कदापि नहीं रखूंगा. अभी सोशल मीडिया में विकास पागल नाम का कैंपेन चल रहा है. हर तरफ विकास का ही नारा लग रहा है. ये इतना वायरल हो गया है कि हर जगह पर लोग कहते हैं कि विकास पागल हो गया है. अभी मेरी वाइफ प्रेग्नेंट हैं, अगर लड़का हुआ तो  उसका नाम विकास कदापि नहीं रखूंगा.

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