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गुजरात के पहले चरण का समझें समीकरण, जानें पिछले चुनाव का क्या रहा था नतीजा

पहले चरण में गुजरात का सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात क्षेत्र की सीटें शामिल हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र-कच्छ में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. वहीं दक्षिण गुजरात की शहरी सीटों पर बीजेपी और ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. पहले चरण वाले क्षेत्र में 10 तालुका, 939 गांव और छह नगरपालिकाएं आती हैं.

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कांग्रेस और बीजेपी में मुकाबला
कांग्रेस और बीजेपी में मुकाबला

गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 89 सीटों पर आज मतदान है. ये सीटें गुजरात के 19 जिलों की हैं. पहले चरण में गुजरात का सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात की सीटें शामिल हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र-कच्छ में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. वहीं दक्षिण गुजरात की शहरी सीटों पर बीजेपी और ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.

इस बार के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इसीलिए दोनों पार्टियों के नेताओं ने पूरी ताकत गुजरात में झोंक दी है. पहले चरण वाले क्षेत्र में 10 तालुका, 939 गांव और छह नगरपालिकाएं आती हैं.

19 जिलों की 89 सीटें

गुजरात के कच्छ, सुरेंद्रनगर, मोराबी, राजकोट, जामनगर, देवभूमि, द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरोली, भावनगर, बोटाड, नर्मदा, भरूच, सूरत, तापी, डांग, नवसारी और वलसाड जिले की 89 विधानसभा सीटें हैं.

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जिले स्तर पर नतीजे

गुजरात के जिला स्तर पर देखें तो पिछले विधानसभा चुनाव में कच्छ में 6 सीटें, 5 बीजेपी के पास और 1 कांग्रेस के पास. सुरेंद्रनगर में 5 सीटें, 4 बीजेपी और 1 कांग्रेस. राजकोट की 11 सीटों में 6 बीजेपी और 5 कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. जामनगर की 7 सीटों में से 5 बीजेपी और 2 कांग्रेस के पास. जूनागढ़ में 9 सीटें हैं, इनमें से 5 बीजेपी के पास और 4 कांग्रेस के पास. अमरेली जिले में 5 सीटें हैं 3 बीजेपी और 2 कांग्रेस. भावनगर की 9 सीटे हैं इनमें से 8 बीजेपी के पास और 1 कांग्रेस के पास है.

सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण

बता दें कि गुजरात के सियासी रण के लिए पहले चरण का मतदान बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. सौराष्ट्र की 54 विधानसभा सीटें है और दक्षिण गुजरात की 35 विधानसभा सीटें हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र की 54 सीटों में बीजेपी 34 और कांग्रेस ने 20 सीटें जीत दर्ज की थी.

पाटीदार किंगमेकर

गुजरात की राजनीति में सौराष्ट्र-कच्छ की काफी अहम भूमिका रही है. राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से 54 सीटें इस क्षेत्र से आती हैं. सौराष्ट्र में बड़ी आबादी पाटीदार समाज की है और उसमें भी खासकर लेऊवा पटेल की. इस क्षेत्र में कम से कम 32 से 38 विधानसभा सीटों पर पटेल समुदाय किसी को भी पार्टी को चुनाव हराने और जिताने का फैसला करते हैं. इसके अलावा दक्षिण गुजरात की शहरी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की तो ग्रामीण सीटों पर कांग्रेस का दबदबा था.

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पटेल बीजेपी के लिए मुसीबत का सबब

2014 में नरेंद्र मोदी के गुजरात के सीएम से देश के पीएम बन जाने के बाद से पाटीदारों पर बीजेपी की पकड़ कमजोर हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि हार्दिक पटेल के नेतृत्व में शुरू हुआ पटेल आंदोलन ने बीजेपी की पकड़ को कमजोर कर दिया है. इसी का नतीजा रहा कि 2015 में हुए जिला पंचायत चुनाव में से सौराष्ट्र की 11 में से 8 पर कांग्रेस विजयी रही. ऐसे में अब देखना होगा कि विधानसभा चुनाव में भी दोहराती है, या फिर नहीं.

कांग्रेस-बीजेपी के जाति समीकरण

कांग्रेस ने गुजरात में जाति समीकरण सेट करके मैदान में उतरी है. कांग्रेस ने पटेल, दलित, आदिवासी और मुस्लिम मतों के सहारे हैं तो वहीं बीजेपी सवर्ण और ओबीसी मतों की उम्मीद लगाए हुए है.

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