गुजरात में पहले दौर के मतदान के बाद दूसरे चरण के लिए सियासी हवा बनाने की कवायद अब अंतिम दौर में है. बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने इसके लिए पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने के लिए पाकिस्तान कार्ड खेला है. उसके स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी खुद चुनावी सभाओं में इसकी अगुवाई कर रहे हैं. खास बात ये है कि बिहार और यहां तक कि दिल्ली के चुनाव में भी बीजेपी का ये पाकिस्तान कार्ड फेल हो चुका है. लेकिन सियासी हालात ऐसे हैं कि बीजेपी ने एक बार फिर इसी कार्ड पर दांव खेला है.
मोदी ने खेला पाकिस्तान कार्ड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दूसरे चरण के चुनावी प्रचार में बनासकांठा के पालनपुर में चुनावी सभा में आरोप लगाया कि गुजरात चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीमापार से मदद ले रहे हैं.
मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना के पूर्व डायरेक्टर जनरल सरदार अरशद रफीकी कांग्रेस नेता अहमद पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ पाकिस्तानी सेना के पूर्व डीजी गुजरात के चुनाव में दखल दे रहे हैं, वहीं पाकिस्तान के लोग मणिशंकर अय्यर के घर बैठक भी कर रहे हैं.
हिंदुत्व की प्रयोगशाला में ध्रुवीकरण का प्लान?गुजरात बीजेपी के लिए हिंदुत्व की प्रयोगशाला माना जाता है. बीजेपी के हिंदुत्व को लेकर किए गए प्रयोग यहां राजनीतिक रूप से सफल हुए हैं जिसके चलते पिछले दो दशक से पार्टी गुजरात की सत्ता पर विराजमान है. दूसरी ओर कांग्रेस पिछले 22 साल से राज्य की सत्ता से बाहर है. गुजरात की राजनीतिक बाजी इस बार अपने नाम करने के लिए कांग्रेस जातीय समीकरण के सहारे है. कांग्रेस के जातीय कार्ड से बीजेपी में बेचैनी साफ नजर आ रही है.
कांग्रेस के जातीय कार्ड की काट के रूप में बीजेपी पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश के आरोप लग रहे हैं. नरेंद्र मोदी अपनी रैलियों में खुलकर पाकिस्तान की बात कर रहे हैं. खास बात ये है कि पहले दिल्ली और फिर बिहार में बीजेपी का ये पाक फॉर्मूला फेल हो चुका है.
दिल्ली चुनाव में केजरीवाल को कहा था-AK49दिल्ली विधानसभा चुनावों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को पाकिस्तान का एजेंट बताया था. जम्मू कश्मीर के कठुआ के हीरानगर इलाके में भाजपा की एक रैली में पीएम मोदी ने कहा कि तीन ए के पाकिस्तान की तीन ताकत बनकर उभरे हैं. पहला ए के 47 है जिसका इस्तेमाल कश्मीर में खूनखराबे के लिए किया जाता है. दूसरा ए के एंटनी है जो संसद को बताते हैं कि पाक सैनिकों की पोशाक पहने लोगों ने हमारे सैनिकों का सिर काटा जबकि हमारी सेना कहती है कि पाकिस्तानी आए थे और तीसरा ए के है ए के 49 जिसने अभी अभी नई पार्टी खड़ी की है. उनकी पार्टी की वेबसाइट पर कश्मीर को पाकिस्तान में दिखाया गया है. उनकी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कश्मीर पर जनमत संग्रह की मांग कर रहे हैं. पाकिस्तान उनके बयान पर झूम रहा है. ये पाकिस्तान के एजेंट हैं, भारत के शत्रु हैं और पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं.
झारखंड विधानसभा चुनाव में भी याद आया पाक
19 अप्रैल 2014 को भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने झारखंड के देवघर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले को पाकिस्तान जाना पड़ेगा. उन्होंने कहा था कि जो लोग मोदी का विरोध करते हैं, वे पाक की ओर देख रहे हैं और ऐसे लोगों का स्थान पाकिस्तान में है, भारत में नहीं.
बिहार विधानसभा चुनाव
29 अक्तूबर, 2015 को बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान रक्सौल की एक रैली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा-ग़लती से भी अगर भारतीय जनता पार्टी बिहार में हार गई तो जय-पराजय तो यहां होगी, पटाखे पाकिस्तान में फूटेंगे. क्या आप चाहते हैं कि पाकिस्तान में पटाखे जलें?
तत्कालीन केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने पाकिस्तान के समाचारपत्र डॉन की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट और वोट की अपील करते नीतीश कुमार का विज्ञापन ट्विटर पर पोस्ट किया था. रूडी ने ट्विटर पर लिखा, ''बिहार में मतदाताओं को लुभाने के लिए पाकिस्तान के दैनिक डॉन के ई संस्करण में नीतीश का विज्ञापन . पाक क्यों? वह किनसे बात करना चाहते हैं? हालांकि बाद में घिरने और अपनी गलती समझ आने पर रूडी ने ये ट्वीट हटा लिया.
गुजरात चुनावों में कहते रहे हैं मियां मुशर्रफ
2002 के दंगों के बाद अपने नेतृत्व में गुजरात में हुए पहले चुनाव में भी नरेंद्र मोदी गोधरा ट्रेन हादसे के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते नजर आए थे. वे तब पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते थे और इशारों-इशारों में प्रदेश की मुस्लिम आबादी को निशाने पर लेते हुए मुशर्रफ को मियां मुशर्रफ कहा करते थे.
मोदी का ये कार्ड पास होगा या फेल
पीएम मोदी के भाषणों से साफ दिख रहा है कि राज्य में बीजेपी की राह पहले जैसी नहीं नजर आ रही है. ऐसे में पीएम मोदी और उनकी पार्टी पाकिस्तान और अहमद पटेल के बहाने भी वोटों के ध्रुवीकरण की उम्मीद लगाए बैठी है. गुजरात के रण में बीजेपी का ये पाकिस्तान कार्ड कितना सफल होता है, ये 18 दिसंबर को ही साफ होगा.